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दिल्ली में जामा मस्जिद के बाद एक और बड़ी मस्जिद बंद, 4 जुलाई तक रहेगी नो एंट्री

जामा मस्जिद के बाद अब राष्ट्रीय राजधानी की एक अन्य प्रसिद्ध मस्जिद फतेहपुरी को भी बंद करने का फैसला लिया गया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 09:31 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 09:31 PM (IST)
दिल्ली में जामा मस्जिद के बाद एक और बड़ी मस्जिद बंद, 4 जुलाई तक रहेगी नो एंट्री
दिल्ली में जामा मस्जिद के बाद एक और बड़ी मस्जिद बंद, 4 जुलाई तक रहेगी नो एंट्री

नई दिल्ली, नेमिष हेमंत। दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जामा मस्जिद के बाद अब राष्ट्रीय राजधानी की एक अन्य प्रसिद्ध मस्जिद फतेहपुरी को भी बंद करने का फैसला लिया गया है। आम लोगों का मस्जिद में प्रवेश 4 जुलाई तक बंद रहेगा।

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इस संबंध में फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम डॉ. मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा कि दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसलिए धार्मिक संगठनों से विमर्श के बाद यह फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि मस्जिद में पूर्व की भांति नमाज पढ़ी जाएगी, लेकिन इसमें मस्जिद के देखरेख से जुड़े लोग ही शामिल होंगे। बाहरी लोगों को प्रवेश पर अनुमति नहीं होगी।

गुरुवार को ही जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने 30 जून तक के लिए जामा मस्जिद को बंद करने का ऐलान किया है। इसलिए शुक्रवार को जुमे की नमाज मस्जिद के देखभाल से जुड़े लोगों ने ही पढ़ी। इसी तरह कश्मीरी गेट स्थित शिया जामा मस्जिद में भी जुमा की नमाज नहीं पढ़ी गई। यहां के शाही इमाम मोहसिन तकवी ने इसकी जानकारी बुधवार को ही दे दी थी कि कोरोना के बढ़ते मामलों और शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए मस्जिद में फिलहाल जुमे की नमाज नहीं पढ़ी जाएगी।

76 दिनों के बाद मस्जिदों में जमात के साथ हुई जुमे की नमाज

वहीं, शुक्रवार को 76 दिनों के लंबे इंतजार के बाद यमुनापार की मस्जिदों में जुमे की नमाज जमात के साथ पढ़ी गई। नमाजियों ने शारीरिक दूरी का पालन कर मुंह पर मास्क लगाकर नमाज पढ़ी। कोरोना से छुटकारा पाने के लिए लोगों ने रो रोकर खुदा से दुआएं मांगी। फर्ज नमाज होते ही मस्जिदों को बिना देरी किए खाली करवा लिया गया। इसके बाद मस्जिदों में सैनिटाइज करवाया गया।

राजधानी में लॉकडाउन होते ही धार्मिक स्थलों के दरवाजों को बंद कर दिया गया था। आम दिनों में जुमे की नमाज से काफी पहले ही नमाजी मस्जिदों में पहुंचने शुरू हो जाते थे। लेकिन कोरोनाकाल में जुमे की नमाज से दस मिनट पहले ही मस्जिदों में नमाजियों को प्रवेश दिया गया। उन्हीं लोगों को प्रवेश दिया गया, जिन्होंने मास्क पहना हुआ था। जिन लोगों ने मास्क नहीं लगाया हुआ था, उन्हें वापस भेज दिया गया। कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने मस्जिदों में न जाकर अपने घर व दुकान पर ही नमाज अदा कर ली।

मस्जिदों में भीड़ न लगे, इसे देखते हुए एक मस्जिद में दो बार जुमे की नमाज पढ़ी गई। ब्रह्मपुरी स्थित इस्लामिया मस्जिद के ईमाम मौलाना सईद अहमद कासमी ने बताया कि सरकार व स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के मद्देनजर जो दिशानिर्देश जारी किए हुए हैं, उनका सख्ती से पालन किया जा रहा है। 


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