Kisan Andolan: लोगों की सांसों का भी रास्ता रोक रहे धरने पर बैठे किसान, पुलिस ग्रीन कॉरिडोर बना गांवों से निकाल रही रास्ता
Kisan Andolan कोरोना महामारी के दौरान जहां एक तरफ हर कोई लोगों की जान बचाने के लिए आक्सीजन का प्रबंध कर रहा है। वहीं दूसरी ओर सिंघु बार्डर पर बैठे कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारी राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में जाने वाले आक्सीजन टैंकरों की राह में फांस बने हुए हैं।
नई दिल्ली [सोनू राणा]। कोरोना महामारी के दौरान जहां एक तरफ हर कोई लोगों की जान बचाने के लिए आक्सीजन का प्रबंध कर रहा है। वहीं दूसरी ओर सिंघु बार्डर पर बैठे कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारी राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में जाने वाले आक्सीजन टैंकरों की राह में फांस बने हुए हैं। उनकी ओर से रास्ता बंद किए जाने की वजह से बड़े-बड़े टैंकरों को गांव की संकरी गलियों से गुजरना पड़ रहा है। टैंकरों को कई बार तो आधा-आधा घंटे तक गांव में ही फंसा रहना पड़ा है।
अलीपुर थाना पुलिस कर्मियों ने अगर समय रहते मोर्चा न संभाला होता तो बड़ा हादसा हो सकता था। बीते करीब पांच दिन से अलीपुर थाना पुलिस कर्मचारी ही टैंकरों को गांव की गलियों से निकालकर अस्पताल तक पहुंचा रहे हैं। पुलिस के उच्च अधिकारी के अनुसार हर दिन दस से 12 आक्सीजन टैंकरों को पुलिस ग्रीन कारिडोर उपलब्ध करवाकर दिल्ली के अस्पताल तक पहुंचाती है। बीते पांच दिनों में 57 आक्सीजन टैंकर व 32 आक्सीजन सिलेंडर से भरी गाड़ियों को पुलिस ने एस्कार्ट कर अस्पताल तक पहुंचाया है। सोमवार को भी दस हजार लीटर आक्सीजन लेकर एम्स जा रहा ट्रक सिंघु बार्डर पर फंस गया था। जिसे पुलिस ने निकलवाकर सैकड़ों लोगों की जान बचाई थी।
गौरतलब है कि गांवों की सड़कें इतने बड़े टैंकर का भार सहने योग्य नहीं होती हैं। ज्यादा बड़े ट्रक कई बार तो गांव की गलियों में इस तरह फंस जाते हैं कि क्रेन की मदद से निकालना पड़ता है। वहीं प्रदर्शनकारी दावा कर रहे हैं कि उन्होंने रास्ता बंद नहीं कर रखा है, जबकि हाईवे के दोनों ओर की सड़कों पर उन्हीं का कब्जा है।
सिंघु बार्डर पर फंस गए थे सात आक्सीजन टैंकर
सात आक्सीजन टैंकर मंगलवार को भी सिंघु बार्डर पर फंस गए थे। इन टैंकरों को जीटीबी अस्पताल व दीपचंद अस्पताल समेत अलग-अलग जगह पहुंचना था। सैकड़ों लोगों की जान दांव पर लगी थी। दोपहर चार बजे से रात 11 बजे के बीच अलीपुर थाने के एसएचओ व स्टाफ ने सभी गाड़ियों को ग्रीन कारिडोर उपलब्ध करवाया व सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाया।
औचंदी बार्डर से भी आते हैं आक्सीजन टैंकर
प्रदर्शनकारियों के सिंघु बार्डर बंद किए जाने से औचंदी बार्डर के रास्ते भी आक्सीजन टैंकरों को आना पड़ता है। यहां पर भी काफी भीड़भाड़ रहती है। सड़कें भी टूटी हुई हैं। दरियापुर व पूठ खुर्द में तो इतना ज्यादा जाम लग जाता है कि कई बार तो दस से 15 मिनट लोग जाम में ही फंसे रहते हैं। इस रास्ते से बवाना थाना पुलिस टैंकरों को ग्रीन काॅरिडोर उपलब्ध करवाती है और सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाती है।