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किसानों को फिर मिला तकदीर बदलने का मौका, उठा सकते हैं डीडीए की लैंड पूलिंग पॉलिसी का फायदा

डीडीए ने एक बार फिर से इसके लिए पंजीकरण खोल दिया है। पंजीकरण प्रक्रिया सोमवार से की जा रही है जो कि अगले 15 दिनों तक चलेगी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 10:25 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jan 2020 10:25 PM (IST)
किसानों को फिर मिला तकदीर बदलने का मौका, उठा सकते हैं डीडीए की लैंड पूलिंग पॉलिसी का फायदा
किसानों को फिर मिला तकदीर बदलने का मौका, उठा सकते हैं डीडीए की लैंड पूलिंग पॉलिसी का फायदा

नई दिल्ली [ संजीव गुप्ता]। जो किसान दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की लैंड पूलिंग पॉलिसी में पहले पंजीकरण नहीं करा पाए थे, अब करा सकते हैं। डीडीए ने एक बार फिर से इसके लिए पंजीकरण खोल दिया है। पंजीकरण प्रक्रिया सोमवार से की जा रही है, जो कि अगले 15 दिनों तक चलेगी। इसके बाद किसानों और उनकी जमीनों के कंसोर्टियम (संघ) बनाए जाएंगे।

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20 से 22 हजार हेक्‍टेयर जमीन पर होंगे विकसित

11 अक्टूबर 2018 को अधिसूचित और पांच जोनों एन, पी टू, के वन, एल और जे में बांटी गई इस पॉलिसी को करीब एक सौ सेक्टरों में बांटा गया है। यह जोन 20 से 22 हजार हेक्टेयर जमीन पर विकसित होंगे। इस पॉलिसी के तहत जमीन के मालिक अपनी जमीन के पूल बना सकते हैं और उसे मास्टर प्लान के तहत विकसित कर सकते हैं। पॉलिसी के तहत डीडीए के पास कुल 6,407 हेक्टेयर जमीन का पंजीकरण हुआ है। जोन पी-2, एन, एल व के-1 में किसानों ने क्रमश: 1,248 हेक्टेयर, 3,268 हेक्टेयर, 229 हेक्टेयर व 1,691 हेक्टेयर भूमि पंजीकृत कराई है। जे जोन को ठंडे बस्ते में डालकर चलाया जा रहा है।

तैयार नहीं हैं बिल्‍डर

समस्या यह है कि डीडीए को जमीन तो मिल गई, लेकिन इस पर फ्लैट तैयार करने के लिए बिल्डर नहीं मिले। बिना बिल्डरों के पॉलिसी पर काम बढ़ाना मुश्किल है क्योंकि बिल्डरों को ही किसानों का संघ बनाकर उनकी जमीन को मिलाना है एवं उस पर निर्माण कार्य शुरू करना है। ऐसे में डीडीए ने खुद ही इस पॉलिसी को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया लेकिन बाद में देखा गया कि जिन सेक्टरों में काम किया जाना है, वहां अभी और जमीन चाहिए। इसलिए पंजीकरण प्रक्रिया दोबारा से प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया।

15 दिनों में और बदलेगी स्‍थिति

डीडीए अधिकारियों के मुताबिक उम्मीद है कि इन 15 दिनों में और भी कई किसान इस पॉलिसी का हिस्सा बन जाएंगे। इसके बाद इन जोनों के लिए जमीन का पंजीकरण कराने वाले किसानों के साथ डीडीए अधिकारी बैठक करेंगे। उनकी उलझनों का जवाब देंगे, उन्हें और उनकी जमीन को आपस में मिलाएंगे। इसके बाद जोन एन तथा के-1 में डीडीए सड़कें भी बनाई जाएंगी। बिजली, पानी, सीवर का नेटवर्क भी बिछाया जाएगा। डीडीए को उम्मीद है कि धरातल पर कुछ नजर आने लगेगा तो बिल्डर भी खुद ब खुद इसमें शामिल होने आ जाएंगे।

अधिकारी ने कहा

लैंड पूलिंग पॉलिसी के लिए सोमवार से 15 दिनों के लिए दोबारा पंजीकरण खोल दिया गया है। इसके बाद ही कंसोर्टियम बनेंगे। कंसोर्टियम बनाकर दो जोनों में बुनियादी सुविधाओं का नेटवर्क बिछा दिया जाएगा। दिल्ली वासियों की आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए इस पॉलिसी का कामयाब होना बहुत जरूरी है।

तरुण कपूर, उपाध्यक्ष, डीडीए।


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