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जेवर एयरपोर्ट के लिए किसान जमीन देने को तैयार, 2022 से शुरू हो जाएगी उड़ान

जेवर एयरपोर्ट के लिए तीन चरणों में 16 गांवों की पांच हजार हेक्टेयर भूमि ली जानी है। प्रथम चरण में 1351 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है। इस पर दो हवाई पट्टी विकसित की जाएंगी।

By Amit MishraEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 04:11 PM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 10:48 PM (IST)
जेवर एयरपोर्ट के लिए किसान जमीन देने को तैयार, 2022 से शुरू हो जाएगी उड़ान
जेवर एयरपोर्ट के लिए किसान जमीन देने को तैयार, 2022 से शुरू हो जाएगी उड़ान

नोएडा [जेएनएन]। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने में जमीन न मिलने की बाधा अब दूर होने लगी है। छह गांवों के 400 किसान जमीन देने के लिए राजी हो गए हैं। उन्होंने 382 हेक्टेयर जमीन के लिए जिला प्रशासन को सहमति दे दी है। प्रदेश सरकार पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है कि किसानों की सहमति लेकर ही जमीन का अधिग्रहण होगा। अगर किसान नहीं चाहते हैं कि जेवर एयरपोर्ट बने, तो प्रदेश सरकार एयरपोर्ट का प्रस्ताव रद कर देगी।

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साफ होगा एयरपोर्ट बनने का रास्ता

सरकार को एयरपोर्ट के लिए प्रथम चरण में 1351 हेक्टेयर जमीन चाहिए। जमीन अधिग्रहण के लिए 70 फीसद किसानों की स्वीकृति जरूरी है। प्रशासन और प्राधिकरण जिस तरह से प्रयास कर रहे हैं उससे उम्मीद है कि शेष किसान भी इस सप्ताह के अंत तक जमीन अधिग्रहण के लिए स्वीकृति दे देंगे। इसके बाद जेवर एयरपोर्ट बनने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो जाएगा।

2022 में जेवर से उड़ानें शुरू हो जाएंगी

इस माह के अंत तक 70 फीसद किसानों ने पत्र भर दिए तो अक्टूबर में एयरपोर्ट का शिलान्यास हो जाएगा। प्राधिकरण का दावा है कि 2022 में जेवर से उड़ानें शुरू हो जाएंगी। जेवर एयरपोर्ट के लिए तीन चरणों में 16 गांवों की पांच हजार हेक्टेयर भूमि ली जानी है। प्रथम चरण में 1351 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है। इस पर दो हवाई पट्टी विकसित की जाएंगी। इसके बाद दो हवाई पट्टी दूसरे चरण में विकसित की जाएंगी।

70 फीसद किसानों की सहमति जरूरी

गौरतलब है कि प्राधिकरण ने एयरपोर्ट के निर्माण के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं, लेकिन किसानों ने जमीन की मुआवजा दर कम बताकर भूमि देने से इन्कार कर दिया था। नए भूमि अधिग्रहण कानून के लागू हो जाने के बाद किसानों से ही जमीन ली जा सकती है। जमीन अधिग्रहण से पहले 70 फीसद किसानों की सहमति जरूरी है। जिला प्रशासन ने प्रभावित गांवों में कुछ दिन पहले शिविर लगाकर किसानों से जमीन मांगी थी। तब किसानों ने जमीन देने से इन्कार कर दिया था।

सीधे किसानों से की बात 

इसके बाद प्राधिकरण चेयरमैन व प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त डा. प्रभात कुमार, सीईओ डा. अरुणवीर सिंह व जिलाधिकारी बीएन सिंह ने किसानों के साथ बैठक कर उन्हें समझाया। प्राधिकरण के अधिकारियों ने भी गांवों में जाकर सीधे किसानों से वार्ता की जिसका असर भी देखने को मिला है। 

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कुरैब गांव के किसान जमीन देने को तैयार

कुरैब गांव के किसानों की रन्हेरा में 176 हेक्टेयर भूमि है। सोमवार को ग्राम प्रधान निर्देष कुमार के नेतृत्व में किसान प्राधिकरण सीईओ डा. अरुणवीर सिंह से मिले। किसान प्राधिकरण द्वारा बताई गई दर पर जमीन देने को तैयार हो गए हैं। कुरैब गांव की 480 हेक्टेयर जमीन है। यह जमीन एविएशन हब के लिए ली जानी है। एयरपोर्ट की दूरी गांव से नजदीक है।

रोजगार के अवसर पैदा होंगे

किसानों ने अपने गांव की जमीन एयरपोर्ट के लिए देने का प्रस्ताव सीईओ को दिया। इस पर सीईओ ने कहा कि प्राधिकरण किसानों के प्रस्ताव पर शीघ्र निर्णय लेगा। निर्दोष कुमार ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट बनने के बाद रोजगार के अवसर पैदा होंगे। गांव के सभी किसान अपनी सहमति से जमीन देने को तैयार हैं। सिर्फ वे लोग विरोध कर रहे हैं, जिनकी मात्र एक-एक बीघा जमीन जा रही है। बड़े किसान जमीन देने को राजी हैं।


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