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Kisan Andolan: क्या शुरू होगा किसान आंदोलन 2.0, हरियाणा में हुई बैठक में मिले इसके संकेत

Kisan Andolan संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े दिग्गज किसान नेता शिवकुमार कक्का ने सोनीपत (हरियाणा) के गुहाना में इशारा किया है कि अगर केंद्र सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है कि तो आंदोलन फिर शुरू हो सकता है।

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 05:11 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 06:55 AM (IST)
Kisan Andolan: क्या शुरू होगा किसान आंदोलन 2.0, हरियाणा में हुई बैठक में मिले इसके संकेत
Kisan Andolan: क्या शुरू होगा किसान आंदोलन पार्ट-2, हरियाणा में हुई बैठक में किसान नेता ने दिया बड़ा संकेत

नई दिल्ली/सोनीपत [परमजीत सिंह]। क्या दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर (शाहजहांपुर, गाजीपुर, कुंडली (सिंघ) और टीकरी) पर एक बार फिर किसान आंदोलन शुरू हो सकता है? इसका बड़ा इशारा दिल्ली से सटे हरियाणा के सोनीपत से संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आया है। संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेताओं में शुमार शिव कुमार कक्का ने साफतौर पर कहा है कि अगर मांगें पूरी नहीं हुईं तो संयुक्त किसान मोर्चा 2023 में फिर आंदोलन करेगा। 

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दरअसल, शुक्रवार को सोनीपत जिले के गुहाना में पहुंचे संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान नेता शिवकुमार कक्का ने जानकारी दी है कि आगामी 8 जून को किसानों की एक अहम बैठक होगी। इसमें कई मुद्दों पर बात होगी। इसमें संयुक्त किसान मोर्चा आगे की रणनीति पर भी चर्चा करेगा। 

शिव कुमार कक्का ने अपने महासंघ की युवा इकाई की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राज्य कार्यकारिणी की गोहाना में घोषणा की। महासंघ की गोहाना में हुई बैठक को लेकर चर्चा भी तेज हो गई है। 

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता एवं राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने शुक्रवार को कहा कि किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार से जिन मांगों पर सहमति हुई थी उनको अब तक पूरा नहीं किया गया है।

वहीं, इस मसले पर 8 जून को किसान संगठनों की दिल्ली में बैठक होगी, जिसमें आगामी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। सरकार द्वारा मांगें पूरी नहीं करने पर 2023 में किसान बड़ा आंदोलन करेंगे। कक्का शुक्रवार को गोहाना में महम रोड स्थित एक मैरिज पैलेस में महासंघ की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने महासंघ की हरियाणा की युवा कार्यकारिणी की घोषणा भी की। शिव कुमार कक्का ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान 1.48 लाख किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए थे, जो रद नहीं किए गए हैं।

आंदोलन में 750 किसानों की मृत्यु हो गई थी जिनके आश्रितों को नौकरी नहीं मिली। नए बिजली बिल से किसानों को बाहर रखने, पराली जलाने पर जुर्माना नहीं करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीद का कानून बनाने की मांग पूरी नहीं की गई हैं।

इससे पहले 28 मई को पंजाब में किसान संगठनों की बैठक होगी, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा मांगों पर किए गए काम पर चर्चा होगी। इसके बाद 8 जून को दिल्ली में किसान संगठनों की बैठक होगी, जिसमें आगामी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार के आश्वासन के बाद आंदोलन को स्थगित किया गया था खत्म नहीं। किसान फिलहाल इंतजार कर रहे हैं। मांगें पूरी नहीं होने पर दोबारा आंदोलन किया जाएगा।

अक्षय बने महासंघ की युवा इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष

शिव कुमार कक्का ने महासंघ की युवा इकाई में गांव कथूरा के अक्षय नरवाल को राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया। इसके साथ हरियाणा की युवा कार्यकारिणी में दादरी के हितेंद्र धनखड़ को प्रदेश अध्यक्ष, अमन नेहरा और संदीप चहल को प्रदेश उपाध्यक्ष, सौरभ शर्मा, बाबी तेवतिया, अंकित दांगी को प्रदेश महासचिव, अंकुर ¨सह मलिक और विकास सहराय को प्रदेश सचिव, राजेश सिवाच को रोहतक जिले का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। महासंघ में गुरजीत, मनीष, राहुल तंवर, रमन चौधरी, कुंवर पाल चौधरी को भी जिम्मेदारी दी गई।

पिछले दिनों संयुक्त किसान मोर्चा के नेता और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी  केंद्र सरकार पर बड़ा हमला कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि सरकारों का काम होता है किसान आंदोलन को तोड़ना, फूट डालना या कमजोर करना। हमारा धर्म है किसानों की आवाज को और बुलंद करना। उनके अधिकारों की रक्षा करना। आखिरी सांस तक किसानों की लड़ाई जारी रहेगी।

बता दें कि राकेश टिकैत ने दिसंबर, 2021 में आंदोलन  स्थगित करने के दौरान कहा था कि केंद्र सरकार ने सिर्फ तीन कृषि कानून ही रद किए हैं। किसान संगठनों की अन्य मांगें नहीं मानी गई हैं। ऐसे में सरकार किसानों की मांगों को अनसुनी करती है तो पूरे देश में एक बार फिर आंदोलन खड़ा होगा।

राकेश टिकैत ने भी कहा था कि किसान आंदोलन अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। अगर तय समय पर किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं किए गए तो आंदोलन फिर शुरू हो सकता है। 


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