सिर्फ एक साल में कई महिलाएं कैसे बनीं 4 बार मां? सीबीआई कभी भी दर्ज कर सकती है केस
ईएसआइसी के अधिकारी कहते हैं कि अब उनका फोकस सेक्टर-23 शाखा कार्यालय की जांच को पूरा करना है साथ ही सीबीआइ की ओर से केस दर्ज किए जाने का इंतजार है।
फरीदाबाद, जेएनएन। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (Employees State Insurance Corporation) में मातृत्व अवकाश (सवेतन) हित लाभ मामले में सीबीआइ, चंडीगढ़ कभी भी केस दर्ज कर सकती है। फिलहाल तो ईएसआइसी की ऑडिट टीम बारीकी से सेक्टर-23 शाखा कार्यालय में घोटाले की जांच में जुटी है। जैसे ही जांच पूरी होगी, इस कार्यालय से संबंधित कर्मचारियों का निलंबन कर दिया जाएगा।
बता दें कि महिला कर्मी अगर किन्हीं कारणों से गर्भपात (तीन माह की गर्भावस्था) करा लेती है तो 42 दिन, दो बच्चों के जन्म के बाद महिला अगर तीसरे बच्चे को जन्म देती है तो उसे 84 दिन तथा पहले या दूसरे बच्चे के जन्म पर 182 दिन मातृत्व अवकाश (सवेतन) हित लाभ मिलता है। ईएसआइसी की इस योजना का लाभ लेने को ही ठेकेदार ने घोटाले का खेल खेला था।
ईएसआइसी के अधिकारी कहते हैं कि अब उनका फोकस सेक्टर-23 शाखा कार्यालय की जांच को पूरा करना है, साथ ही सीबीआइ की ओर से केस दर्ज किए जाने का इंतजार है। केस दर्ज होने के साथ ही सीबीआइ की टीम जांच का दायरा बढ़ाएगी।
हो सकता है कि फरीदाबाद में सीबीआइ की कार्रवाई पूरी होने के बाद ईएसआइ मुख्यालय की ओर से देश के अन्य शहरों में भी सीबीआइ से जांच कराई जाए। फिलहाल तो ईएसआइसी की ऑडिट टीमें देश भर के शाखा कार्यालय का मातृत्व अवकाश हित लाभ मामले की जांच कर रही हैं।
एके रंगा (उप निदेशक (हितलाभ), ईएसआइसी) के मुताबिक, हमने सीबीआइ, चंडीगढ़ को पहले ही केस दर्ज करने को लिख कर दिया है। हमारी ऑडिट टीम अपने स्तर पर जांच कर रही हैं। अभी तक सीबीआइ ने मामला दर्ज नहीं किया है।
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