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साइको किलर केस में भी घिरी SIT, हरियाणा पुलिस पर अभी से उठने लगे सवाल

2 घंटे में 6 लोगों की हत्या करने वाले साइको किलर मामले में पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में देखी जा रही है।

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 07 Jan 2018 09:38 AM (IST)Updated: Sun, 07 Jan 2018 02:52 PM (IST)
साइको किलर केस में भी घिरी SIT, हरियाणा पुलिस पर अभी से उठने लगे सवाल
साइको किलर केस में भी घिरी SIT, हरियाणा पुलिस पर अभी से उठने लगे सवाल

फरीदाबाद (जेएनएन)। तकरीबन एक सप्ताह पहले मंगलवार की अल सुबह साइको किलर नरेश धनखड़ द्वारा छह लोगों की जान लेने के मामले की जांच कर रही एसआइटी पर मृतकों के परिजनों को विश्वास नहीं है। मृतकों के परिजनों को ऐसा लग रहा है कि विशेष जांच दल (एसआइटी) मामले की ठीक से जांच न कर पाए।

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पिछले कुछ महीनों के दौरान यह दूसरा मामला है, जब एसआइटी पर सवाल उठा है। इससे पहले प्रद्युम्म मर्डर में भी एसआइटी फेल हो गई थी, सीबीआइ जांच में उसकी थ्योरी ही पलट गई थी। एेसे में मृतका अंजुम के परिजनों ने तो मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है।

यहां पर बता दें कि नरेश धनखड़ ने सबसे पहले पलवल अस्पताल की दूसरी मंजिल पर अपनी देवरानी की तीमारदारी में मौजूद अंजुम की हत्या की थी।

अंजुम के देवर तसलीम का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन के लोगों से आरोपी को पकड़ने के लिए शोर मचाया था लेकिन उन्होंने कोई प्रयास नहीं किया।

अगर उस वक्त अस्पताल के कर्मचारी हरकत में आ जाते तो हत्यारा पकड़ा जाता व निदरेषों की जान नहीं जाती। अस्पताल की अंदर की सुरक्षा की जिम्मेवारी अस्पताल की होती है।

परिजनों का आरोप है कि स्थानीय पुलिस जांच के नाम पर लीपापोती कर रही है। हरियाणा पीड़ित मुआवजा योजना-2013 के तहत जिला व सत्र न्यायाधीश मनीषा बत्रा ने साइको किलर नरेश धनखड़ द्वारा मारे गए मृतकों के आश्रितों को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।

पुलिस इस मामले में ठीक तरह से जांच नहीं कर रही है। चूंकि अंजुम की हत्या अस्पताल में हुई थी, सो अस्पताल प्रबंधन को कैसे दोषी ना माना जाए? पुलिस राजनैतिक दबाव में काम कर रही है। 

पुलिस अधिकारियों पर गिर सकती है गाज

पलवल में सिर्फ 2 घंटे में 6 लोगों की हत्या करने वाले साइको किलर मामले में पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में देखी जा रही है। शहर थाना पुलिस ने पलवल अस्पताल के डॉक्टरों व कर्मचारियों के खिलाफ हत्या व साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया है, लेकिन यदि पुलिसकर्मियों की जांच हुई तो अधिकारियों पर गाज गिरनी लगभग तय है। शहर के अनेक संगठनों ने शहर थाना पुलिस की भी जांच कराने की मांग की है।

मांग यह कि घटना के समय थाने के अधिकारी व कर्मचारी कहां थे? भगवान परशुराम सेवा समिति ने तो सीएम विंडो पर शिकायत देकर शहर थाने के सभी अधिकारियों, बीट प्रभारियों, गश्त प्रभारियों, राइडर तथा पीसीआर में तैनात पुलिस कर्मियों की फोन डिटेल के आधार पर जांच कराने की मांग की है।

वहीं, पुलिस महानिरीक्षक डॉ. सीएस राव का कहना है कि पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही की अलग से जांच की जाएगी। दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा।

छह लोगों की सांसे रोकने वाला साइको किलर नरेश धनखड़ खुद तो अस्पताल में आराम फरमा रहा है, लेकिन उसने पुलिस की परेशानी बढ़ा रखी है। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उपचाराधीन हत्यारोपी को हालांकि कक्ष में तो शिफ्ट कर दिया है, लेकिन अभी डॉक्टरों ने पुलिस को उससे मिलने की अनुमति नहीं दी है। जिसके चलते अस्पताल के चक्कर लगाते-लगाते पुलिस अधिकारियों की सांसे फूलने लगी हैं।


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