आयुष्मान योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा, 6 राज्यों में हजारों लोगों से ठगी करने वाले 4 गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने आयुष्मान योजना के नाम पर फेक वेबसाइट से हजारों लोगों को मेडिकल में नौकरी का ऑफर देने वाले गैंग का पर्दफाश किया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। आयुष्मान योजना के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों से ठगी करने वाली महिला और तीन युवकों को दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने आयुष्मान योजना के नाम पर फर्जी सरकारी वेबसाइट बनाकर वार्ड ब्वॉय, नर्स, लैब असिस्टेंट, फार्मासिस्ट और आयुष मित्र आदि के लिए नौकरी के ऑफर के नाम पर हजारों लोगों से ठगी की है। 4200 से अधिक लोगों से नौकरी के लिए पंजीकरण के नाम पर 300-500 रुपये लिए गए।
आरोपितों ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और बिहार में 5116 रिक्तियों के लिए विज्ञापन निकाले थे। इसके बाद लोगों से ठगी करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरी का आवेदन करने को शिविर भी लगाए। आरोपितों की पहचान उत्तर प्रदेश के खुर्जा निवासी उमेश शर्मा, अलीगढ़ निवासी गौरव शर्मा, ग्रेटर नोएडा निवासी कुमार रजत सिंह और गाजियाबाद निवासी सीमा रानी शर्मा के रूप में हुई है।
डीसीपी साइबर सेल अन्येष रॉय ने बताया कि 26 मई को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए), आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) की तरफ से इस बारे में मामला दर्ज करवाया था। मामले पर कार्रवाई करते हुए पेमेंट गेट-वे और गेट-वे के साथ जुड़े बैंक खाते को खंगाला गया। तकनीकी जानकारी जुटाने के बाद कुमार रजत सिंह, उमेश शर्मा, गौरव शर्मा, सीमा रानी शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपितों के पास से एक लैपटॉप, चार मोबाइल और एटीएम कार्ड बरामद किया गया है।
ऐसे बनाई फर्जी वेबसाइट
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि आयुष्मान योजना के नाम पर लोगों को ठगने के लिए उन्होंने पहले आयुष्मान योजना ट्रस्ट बनाया। वेब डिजाइनर कुमार रजत सिंह ने सरकारी वेबसाइट के जैसी फर्जी बेवसाइट बनाई। इसके जरिये आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के तहत नर्स, लैब असिस्टेंट, फार्मासिस्ट और आयुष मित्र जैसी 4000 से अधिक नौकरियों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को शुरू किया। आरोपित गौरव, जो पहले एक मल्टी लेवल मार्केटिंग स्कीम से जुड़ा था, उसने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांवों में बैठकें कर लोगों को धोखाधड़ी की योजना में फंसाया। नौकरी के ऑफर के लिए पंजीकरण करने के लिए 300 से 500 रुपये लिए गए। आरोपितों ने 4,200 से अधिक लोगों को धोखा दिया। फिलहाल चारों आरोपित पुलिस रिमांड पर हैं।