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Delhi: 50 हजार में बिक रहे बोर्ड परीक्षा के फर्जी पेपर, एग्जाम के पहले प्रश्नपत्र देने का जालसाज करते हैं वादा

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं और 10वीं की 21 मार्च को समाप्त हो चुकी है। इस बीच कई ऐसे जालसाज सामने आए हैं जो सोशल मीडिया पर सीबीएसई के विभिन्न विषयों का पेपर लीक होने का दावा कर रहे हैं।

By Ritika MishraEdited By: Abhi MalviyaPublished: Fri, 24 Mar 2023 07:43 PM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2023 07:43 PM (IST)
Delhi: 50 हजार में बिक रहे बोर्ड परीक्षा के फर्जी पेपर, एग्जाम के पहले प्रश्नपत्र देने का जालसाज करते हैं वादा
सीबीएसई की 12वीं बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं और 10वीं की 21 मार्च को समाप्त हो चुकी है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं और 10वीं की 21 मार्च को समाप्त हो चुकी है। इस बीच कई ऐसे जालसाज सामने आए हैं जो सोशल मीडिया पर सीबीएसई के विभिन्न विषयों का पेपर लीक होने का दावा कर रहे हैं। वो छात्रों को अपने झांसे में लेकर इन प्रश्नपत्रों को 700 से दो हजार रुपये तक में बेच भी रहे हैं। इन जालसाजों का नेटवर्क देश के अलग-अलग राज्यों में फैला है।

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यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलिग्राम पर सक्रिय हैं जालसाज-

दैनिक जागरण ने जब आनलाइन मीडिया पर इन जालसाजों की पड़ताल की तो टेलिग्राम, इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब पर कई ऐसे ग्रुप्स और अकाउंट्स सामने आए जो सीबीएसई का पेपर लीक होने का दावा कर रहे हैं। इसमें अधिकतर अकाउंट्स सीबीएसई 2023 लीक पेपर, बोर्ड लीक पेपर, सीबीएसई पेपर इन नामों से बनाए गए हैं ताकि छात्र आकर्षित होकर इनके झांसे में आए। इतना ही नहीं, जब इन ग्रुपों पर जुड़ कर देखा गया तो कई छात्र अकाउंट के एडमिन से बकायदा पेपर की विश्वसनीयता पर सवाल भी कर रहे थे, जिसमें कुछ छात्रों के सवालों को अनदेखा किया जा रहा था। 

वहीं, कुछ को दूसरे छात्रों को कुछ पैसों में पेपर दिए जाने और वैसा ही पेपर आने के दावों के वॉट्सएप चैट का स्क्रीनशाट साझा किया जा रहा है। ताकि छात्रों की उन पर विश्वसनीयता बने। जैसे ही छात्र उनसे पेपर मांगते उधर से जालसाज अपना यूपीआइ, अकाउंट नंबर भेज देते और रकम जमा करने की मांग करते। छात्रों द्वारा रकम देेने के बाद उनको फर्जी पेपर साझा भी कर दिया जाता।

परीक्षा शुरु होने के पहले प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने का दावा-

जालसाजों ने छात्रों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए अलग-अलग ट्रिक्स निकाली है। पहली, ये अपने अकाउंट्स पर इंस्टाग्राम और फेसबुक की स्टोरीज पर फर्जी चैटिंग के स्क्रीनशाट लगाए हुए हैं। इसमें मैसेज में बात करने वाले व्यक्ति का नाम व नंबर छुपा देते हैं। मैसेज में भेजने वाले की ओर से लिखा जाता है कि जैसा पेपर भेजा ठीक वैसा ही बोर्ड परीक्षा में आया है। ताकि छात्रों को वास्तव में लगे हां कि इस तरह का कोई बोर्ड का छात्र है जो लाभांवित हुआ है।हालांकि, असल में ये कोई छात्र नहीं बल्कि जालसाजों की ही टीम के सदस्य होते हैं।

दूसरी ट्रिक ये कि जालसाज बोर्ड परीक्षा देने वाले कुछ छात्रों का नंबर जुटाकर उन्हें सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर या अन्य कोई अधिकारी बनकर काल करते और उन्हें बीत चुके विषयों की परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन न करने की बात कहकर अपने झांसे में लेते और उन्हें आने वाली परीक्षाओं में अच्छे अंक लाने के लिए फर्जी प्रश्नपत्र साझा करने का वादा करते।

वहीं, ये जालसाज छात्रों को परीक्षा शुरु होने के एक दिन पहले या एक घंटे पहले के हिसाब से फर्जी प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने का दावा करते और उनसे मोटी रकम ठगते। परीक्षा के एक दिन पहले प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के 2500 रुपये और परीक्षा के एक घंटे पहले ये रकम बढ़कर पांच हजार तक हो जाती। एक छात्र ने टेलिग्राम पर बताया कि उससे एक जालसाज ने सभी पेपर्स परीक्षा के पहले देने के लिए 50 हजार रुपये लिए हैं लेकिन जो प्रश्नपत्र दिए वो सभी फर्जी निकले।

सीबीएसई ने यूट्यूब से हटवाए लिंक

आनलाइन मीडिया पर बोर्ड परीक्षा का पेपर लीक होने का दावा करने वालों पर सीबीएसई ने कार्रवाई की है। बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि विद्यार्थियों और अभिभावकों को गुमराह करने के लिए असामाजिक तत्वों ने पेपर लीक होने की खबरें आनलाइन मीडिया पर वायरल की। कुछ आनलाइन समूहों छात्रों से रुपए लेकर पेपर तक उपलब्ध कराने की बात की जा रही है। बोर्ड ने भी 123 से अधिक ऐसे यूट्यूब चैनलों की सूची बनाई थी जो पेपर लीक होने और प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने का लिंक साझा कर रहे थे।

इन लिंक्स को बोर्ड ने यूट्यूब के अधिकारियों की मदद से हटवाया है। साथ ही दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल में आईपीसी और आईटी एक्ट के तहत असामाजिक तत्वों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। वहीं, बोर्ड ने छात्रों और अभिभावकों को भविष्य में भी ऐसी अफवाहों और खबरों से बचकर रहने और इसकी सूचना बोर्ड को देने को कहा है। साथ ही किसी भी स्थिति में बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट को समय-समय पर चेक करने की सलाह दी है।


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