रेलवे में नौकरी लगाने का झांसा देकर 44 लोगों से 2.44 करोड़ की ठगी, फर्जी IAS अधिकारी गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने रेलवे में नाैकरी लगाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह का सरगना खुद को वरिष्ठ आइएएस अधिकारी के रूप में बता कर पीड़िताें को सांझे में लेता था। 40 लोगाें से 2.44 करोड़ की ठगी की गई है।
नई दिल्ली [धनंजय मिश्रा]। रेलवे में नौकरी लगाने का झांसा देकर 44 लोगों के साथ 2.44 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरोह के मुख्य सरगना सहित दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान बिहार के पटना स्थित कंकड़ बाग के शिव नंदन अपार्टमेंट निवासी बृज किशोर व उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद स्थित कुलसठ निवासी सचिन कुमार के रूप में हुई है। आरोपितों ने पीड़ित का तीन महीने तक प्रशिक्षण भी दिलाया था। बाद में जब पीड़ित रेलवे कार्यालय पहुंचे तब उन्हें धोखे की जानकारी हुई।
मुख्य आरोपित बृज किशोर खुद को वरिष्ठ आइएएस अधिकारी बताकर पीडि़तों को झांसे में लेता था। जबकि सचिन ने पीडि़तों को फर्जी तरीके से उत्तराखंड के देहरादून में प्रशिक्षण दिलाया था। आरोपितों ने पीड़ितों का फर्जी मेडिकल कराया और प्रशिक्षण पूरा होने के बाद फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिया।
आर्थिक अपराध शाखा के अतिरिक्त आयुक्त आरके सिंह ने बताया कि इस मामले में पीड़ितों को आरोपितों के बारे में ठिकानों के बारे में जानकारी नहीं थी। आरोपित कभी पहाड़गंज के होटल में मिलते तो कभी रेल भवन के पास मिलने के लिए बुलाते थे । अधिकतर पीड़ि पश्चिमी उत्तर प्रदेश व बिहार के रहने वाले हैं और बेहद गरीब परिवार से हैं। ऐसे में पुलिस टीम पीड़ितों के गांव जाकर उनके बयान दर्ज कर 21 जनवरी 2021 को रिपोर्ट दर्ज किया था। पुलिस जांच में अब तक 44 पीड़ित मिले हैं। मामले की जांच के लिए डीसीपी के रमेश के निर्देशन में एसीपी अनिल के देखरेख में इंस्पेक्टर सुरेश चंद व एसआइ लखन सिंह, रविंदर की टीम ने टेकनिकल सर्विलांस की मदद से रविवार को दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।फिलहाल पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर रही है।
कोचिंग सेंटर की आड़ में चला रहा था खेल
आरोपितों से पूछताछ में पता चला कि आरोपित सचिन ने बीकाम किया हुआ हैं। वह देहरादून में एनआरटी इंडिया के नाम से को¨चग सेंटर चला रहा था। इसी ने पीडि़तों को देहरादून में फर्जी प्रशिक्षण दिलाया था। वहीं मुख्य आरोपित बृज किशोर इससे पहले भी सरकारी विभाग में नौकरी लगाने के नाम पर फर्जीवाड़ा के मामले में शामिल रहा है। इसने जयपुर से बीटेक किया हुआ है