दिल्ली के पास छप रहे थे नकली नोट, खपाने के लिए निकाला अनोखा तरीका, 4 गिरफ्तार
पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी हबीबपुर गांव में राजेंद्र के मकान में कुछ संदिग्ध लोग रह रहे हैं। जिनके द्वारा नकली नोट का काम किया जा रहा है।
नोएडा [जेएनएन]। नोटबंदी के बाद नए नोटों को बाजार में आए लगभग एक साल ही हुआ है लेकिन नकली नोट छापने वाले गिरोह सक्रिय हो गए हैं। ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने हबीबपुर गांव से नकली नोट छापने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से पांच लाख 94 हजार रुपये बरामद किए हैं। हालांकि मास्टरमाइंड मौके से फरार होने में कामयाब रहा। सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया है।
मुखबिर से मिली सूचना
पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी हबीबपुर गांव में राजेंद्र के मकान में कुछ संदिग्ध लोग रह रहे हैं। जिनके द्वारा नकली नोट का काम किया जा रहा है। सूचना के आधार पर पुलिस ने बृहस्पतिवार रात मकान पर छापा मारा। जहां पर पुलिस ने मुरादाबाद निवासी नासिर, शाहरुख, दीपक व डा. नफीस को गिरफ्तार किया। गिरोह का मुख्य मास्टरमाइंड रिहान मौके से फरार हो गया।
पांच लाख 94 रुपये बरामद
जांच के दौरान पुलिस ने मकान से पांच लाख 94 रुपये बरामद किए। जिसमें 2000 के 200 नोट, 500 के 316 नोट, 200 के 84 नोट व 100 रुपये के 202 नकली नोट थे। उनके पास से पुलिस ने प्रिंटर, स्क्रीनिंग मशीन, पेपर, टेप आदि सामान बरामद किया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया नकली नोट छापने की शुरुआत कुछ माह पूर्व मुरादाबाद में डा. नफीस के घर पर शुरू किया गया था।
कंप्यूटर की अच्छी जानकारी
शाहरुख कंप्यूटर की अच्छी जानकारी रखता है। दीपक व रिहान प्रथमा ग्रामीण बैंक, बेरखेड़ा चक, थाना भगतपुर मुरादाबाद में संविदा पर नौकरी करते हैं। दोनों का काम लोगों को लोन स्वीकृत कराना है। जिसकी एवज में वह कमीशन लेते थे। सभी ने मुरादाबाद में काफी दिनों तक नकली नोट छापे। बाद में उन्हें लगने लगा कि लोगों को उनके बारे में पता चल गया है। पुलिस उन्हें पकड़ सकती है।
किराए पर लिया कमरा
सभी ने कुछ माह पूर्व हबीबपुर गांव में किराए पर कमरा ले लिया। कमरे पर ही नकली नोट छापने का काम शुरू कर दिया। आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली टीम में थानाध्यक्ष केके राणा, प्रीतम सिंह, अश्वनी कुमार, फिरोज खान, नासिर, सतीश व विकास शामिल हैं।
स्कैन कर छापते थे नोट
नोट छापने के लिए आरोपियों ने विशेष पेपर मंगाया था। जो नोट के पेपर की भांति हल्का होता है। स्कैन मशीन से नोटों को स्कैन किया जाता था। बाद में प्रिंटिंग मशीन से नकली नोट निकाले जाते थे। बड़े नोटों की छपाई पर विशेष ध्यान दिया जाता था। बाजार में नोटों को खपाने का काम सभी लोग करते थे।
ऐसे खपाते थे नकली नोट
आरोपियों के द्वारा नकली नोटों को विभिन्न स्थानों पर खपाया जाता था। दीपक व रिहान जिन लोगों का लोन स्वीकृत कराते थे। लोन स्वीकृत कराने के बाद ग्राहक को बैंक में बुलाकर उनसे चेक के माध्यम से पैसा निकलवाया जाता था। गिनने के बहाने आरोपी नोट को ग्राहक से लेते थे। असली नोट में कुछ नकली नोट मिलाकर वापस कर देते थे। साथ ही असली नोटों में से ही अपना कमीशन भी ले लेते थे।
नफीस व शाहरुख के खिलाफ पहले से मामला दर्ज
पुलिस अधिकारी ने बताया कि नफीस व शाहरुख के खिलाफ पहले भी मुरादाबाद में मामला दर्ज है। शाहरुख ने ऑनलाइन फ्रॉड कर 47 लाख रुपये अपने दोस्त के खाते में जमा कराए थे। इसी मामले में उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई थी। रिहान के पिता एहसान पूर्व में नकली नोटों के मामले में जेल जा चुके हैं। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। रिहान की गिरफ्तारी के लिए टीम लगी है।
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