नोएडा के दो कॉल सेंटर से करोड़ों की ठगी, 43 गिरफ्तार
एसटीएफ को इनके पास से आरबीआइ के नकली लेटर हेड समेत धोखाधड़ी में प्रयोग होने वाले कई दस्तावेज बरामद हुए हैं।
नोएडा [ जेएनएन ] । कॉल सेंटरों के माध्यम से बीमा कंपनियों के फर्जी कागजात बनाकर हजारों लोगों से 12 करोड़ की ठगी हुई। इसका पर्दाफाश एसटीएफ ने किया। नोएडा के दो फर्जी कॉल सेंटरों पर छापा मारकर नौ मुख्य आरोपियों समेत 43 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें युवतियां भी शामिल हैं।
एसटीएफ को इनके पास से आरबीआइ के नकली लेटर हेड समेत धोखाधड़ी में प्रयोग होने वाले कई दस्तावेज बरामद हुए हैं। एसटीएफ के एएसपी डा. त्रिवेणी सिंह ने बताया कि 27 मार्च 2017 को फतेहपुर की कोतवाली में लेफ्टिनेंट कर्नल राममान सिंह ने 8670010 रुपये की ठगी की एफआईआर दर्ज कराई थी।
एफआईआर में बताया गया था कि कुछ लोगों ने पीडि़त को आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में बोनस दिलाने और मैच्युरिटी का पैसा दिलाने के नाम उनके साथ ठगी की थी। इसकेलिए पीडि़त से आरबी सर्विसेज, बिओलो सर्विसेज, एसबीपी सर्विसेज और गोल्डन सर्विसेज के खातों में ठगी की रकम जमा कराई गई थी। इसकी जांच यूपी एसटीएफ को सौंपी गई थी।
जांच में एसटीएफ को पता चला कि नोएडा के सेक्टर-11 एफ-58 और सेक्टर-64 बी-118 में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर लोगों को बीमा कंपनियों के फर्जी कागजात बनाकर लोगों को चूना लगा रहे हैं। इन कॉल सेंटर से लोगों को आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस और एचडीएफसी एर्गो इंश्योरेंस कंपनी के नाम से फोन किया जाता था।
फोन करने वाला बीमा धारक को उनकी बीमा पॉलिसी पर मोटा बोनस दिलाने और मैच्युरिटी का पैसा दिलाने का झांसा देकर उनसे अपने खातों में धीरे-धीरे रकम जमा कराकर ठगी करते थे। एसटीएफ को छापेमारी केदौरान दोनों फर्जी कॉल सेंटरों के छह फर्जी बैंक खातों से 12 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली है। इसे हजारों लोगों से ठगा गया है। हालांकि एसटीएफ का मानना है कि ये फर्जीवाड़ा और बड़ा हो सकता है। जिसकी पूरी जानकारी जांच के बाद सामने आएगी।
दो डेटा वेंडर कराते थे जानकारी उपलब्ध
एसपी डा. त्रिवेणी सिंह के अनुसार मुख्य आरोपी कपिल त्यागी है। उसने पूछताछ में बताया कि वह पिछले कई वर्षों से नाम-पता बदलकर लाइफ इंश्योरेंस में बोनस और मैच्युरिटी का पैसा दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी कर रहा था।
एसटीएफ को छापेमारी के दौरान इन कॉल सेंटर से दो डेटा वेंडर की भी जानकारी मिली है, जो ठगों को बीमा धारकों का डाटा उपलब्ध कराते थे। ये वेेंडर बीमा कंपनियों के लिए भी काम करते हैं। इनके डाटा के आधार पर फर्जी कॉल सेंटर से लोगों को उनके बीमा के ब्योरे के साथ फोन करते थे। इससे लोगों को भरोसा हो जाता था कि उनके पास वास्तविक बीमा कंपनी से फोन आया है और वह आसानी से झांसे में फंसकर ठगों के खातों में रकम जमा करा देते थे।
एसटीएफ की गिरफ्त में आए आरोपी
1- कपिल त्यागी (मुख्य आरोपी) ग्राम कंचन नगरी थाना ननौता सहारनपुर का रहने वाला है।
2- गौरव शर्मा सी-1504 क्रॉसिंग रिपब्लिक विजय नगर गाजियाबाद का रहने वाला है।
3- अर्जुन सिंह एफ-60 सेक्टर-40 तृतीय तल नोएडा का रहने वाला है।
4- शिवम अंकुर 813ए/535ए दारागंज इलाहाबाद का रहने वाला है।
5- वरूण सिंह मकान नंबर 40 ईस्ट विनोद नगर दिल्ली का रहने वाला है।
6- नरेन्द्र कुमार जौहरीपुर गांव अंबेडकर कॉलोनी मकान नंबर 115 थाना गोकुलपुरी जिला शाहदरा दिल्ली का रहने वाला है।
7- अतुल त्यागी ग्राम व पोस्ट खाई खेड़ी थाना पुर्काजी मुजफ्फरनगर का रहने वाला है।
8- प्रतीक शाह खोड़ा कॉलोनी गली नंबर छह गाजियाबाद का रहने वाला है।
9- अंकित त्यागी ग्राम व पोस्ट खाई खेड़ी थाना पुर्काजी मुजफ्फरनगर का रहने वाला है।
पुलिस ने कॉल सेंटर से 34 वॉकी टॉकी, 06 बैंक खातों के दस्तावेज,14 कंप्यूटर,02 लैपटॉप और एचडीएफसी एर्गो, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल व अन्य नामी कंपनियों के ग्राहकों का लगभग 500 पेज का डाटा बरामदगी की है।
By making fake documents of insurance companies, through call centers, thousands of people have been duped by 12 crores
Raids on two fake call centers of Noida were arrested and 43 people, including nine main accused, were arrested.