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अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले फर्जी काल सेंटर का भंड़ाफोड़, 22 लोग गिरफ्तार

जिला पुलिस उपायुक्त दीपक यादव ने बताया कि स्पेशल स्टाफ को गुरुवार को प्रीत विहार के स्कोप मिनार के पास डीडीए काम्प्लेक्स में अमेजन कंपनी के नाम पर फर्जी काल सेंटर चलने की सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस ने एक्शन लिया।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 06:10 AM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 09:22 AM (IST)
अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले फर्जी काल सेंटर का भंड़ाफोड़, 22 लोग गिरफ्तार
पुलिस ने 24 कंप्यूटर और 38 मोबाइल फोन बरामद किए।

नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। पूर्वी जिले के स्पेशल स्टाफ ने फर्राटेदार अंग्रेजी बोलकर अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले एक फर्जी काल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। फर्जी काल सेंटर के जरिये यह हजारों अमेरिकी नागरिकों से आठ करोड़ रुपये ऐंड चुके हैं। पुलिस ने सेंटर से 22 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें से तीन युवतियां हैं। पुलिस ने काल सेंटर से 24 कंप्यूटर और 38 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। काल सेंटर के तीन संचालक अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। आरोपित आनलाइन शापिंग कंपनी अमेजन की टीम का हिस्सा बताकर ठगी करते थे। सस्ते दाम पर पर सामान बेचने का लालच देकर भी वारदात को अंजाम दे रहे थे।

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अमेजन कंपनी के नाम पर फर्जी काॅल सेंटर चलाने की सूचना पर एक्टिव हुई पुलिस

जिला पुलिस उपायुक्त दीपक यादव ने बताया कि स्पेशल स्टाफ को गुरुवार को प्रीत विहार के स्कोप मिनार के पास डीडीए काम्प्लेक्स में अमेजन कंपनी के नाम पर फर्जी काल सेंटर चलने की सूचना मिली थी। इंस्पेक्टर सतेंद्र खारी, एसआइ निहित व अमित कुमार, शैलेश, प्रमोद, हेड कांस्टेबल महेंद्र और कांस्टेबल अनुज की टीम बनाई गई। टीम ने रात 11 बजे छापेमारी कर सेंटर के मैनेजर, सुपरवाइजर समेत 22 को दबोचा।

मैसेज में भेजते थे एक टोल फ्री नंबर

आरोपितों ने बताया कि वह अमेरिकी नागरिकों अमेजन कंपनी टीम से बताकर एक रिकार्ड मैसेज भेजते थे। इसमें वह बताते थे कि उनके बैंक खाते से अवैध रूप से खरीदारी की गई है, इसके साथ ही एक टोल फ्री नंबर भी मैसेज में भेजते थे। ग्राहक जैसे ही उस नंबर पर काल करता वह उससे गिफ्ट कार्ड्स के नाम पर हजारों डालर ऐंठ लेते। पुलिस को जांच में पता चला है कि कॉल सेंटर में नौकरी देने से पहले अंग्रेजी में बातचीत करने के तरीके को परखा जाता था, सेंटर में एक कालर को 30 हजार रुपये, जबकि टीम सरगना को 60 हजार रुपये दिए जाते थे। गिरफ्तार आरोपित दिल्ली-एनसीआर के रहने वाले हैं।


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