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नई निजता नीति की जांच के सीसीआइ के आदेश को चुनौती देने वाली फेसबुक-वाट्सएप की याचिका खारिज

फेसबुक व वाट्सएप ने नई निजता नीति के खिलाफ जांच का आदेश देने के सीआइसी के फैसले को दी थी चुनौती नई निजता नीति के खिलाफ जांच का आदेश देने के भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) के फैसले को चुनौती देने वाली फेसबुक-वाट्सएप की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 12:41 PM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 12:41 PM (IST)
नई निजता नीति की जांच के सीसीआइ के आदेश को चुनौती देने वाली फेसबुक-वाट्सएप की याचिका खारिज
हाई कोर्ट ने फेसबुक व वाट्सएप द्वारा जांच के आदेश को चुनौती देने के फैसले को गलत ठहराया।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। नई निजता नीति के खिलाफ जांच का आदेश देने के भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) के फैसले को चुनौती देने वाली फेसबुक-वाट्सएप की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने कहा कि सीसीआइ द्वारा दिए गए जांच के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं दिखाई देता है। पीठ ने कहा कि सीसीआइ ने स्पष्ट किया है कि उसने वाट्सएप की नई निजता नीति में प्रतिस्पर्धा पहलू की जांच का आदेश दिया गया है। व्यक्तियों की निजता के कथित उल्लंघन की जांच का आदेश नहीं दिया गया है, जिसे शीर्ष अदालत देख रही है।
पीठ ने सीसीआइ की उस दलील को स्वीकार किया है, जिसमें उसने कहा है कि विज्ञापन के लिए अपने उपभोक्ताओं का डाटा का अधिक से अधिक इकट्ठा करना और उसका उपयोग करना पूरी तरह से गलत है। यह एक तरह से बाजार में अपने दबदबे का दुरुपयोग करने जैसा है। यही वजह है कि सीसीआइ ने नई निजता नीति की जांच का आदेश दिया है।
पीठ ने फैसले में कहा कि इसमें क्षेत्राधिकार के गलती का सवाल नहीं है और फेसबुक व वाट्सएप द्वारा जांच के आदेश को चुनौती देने का फैसला गलत है। फेसबुक व वाट्सएप ने नई निजता नीति की जांच करने के संबंध में दिए 24 मार्च को सीसीआइ के आदेश काे चुनौती दी थी। मीडिया प्लेटफार्म की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे व मुकुल रोहतगी ने दलील दी थी कि कंपनी की निजता संबंधी नीति का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और इस पर सीआइसी को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 13 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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