दिल्ली के आश्रय घरों का जायजा लेगी विशेष टीम, कांग्रेस पहले ही लगा चुकी है बड़ा आरोप
डीसीडब्ल्यू की सदस्य वंदना सिंह ने बताया कि विशेषज्ञ कमेटी के पास सभी आश्रय घरों का औचक निरीक्षण करने का अधिकार होगा। कमेटी आश्रय घरों का मुआयना कर रिपोर्ट डीसीडब्ल्यू को सौंपेगी।
नई दिल्ली [जेएनएन]। आश्रय घरों में रह रही महिलाओं व बच्चियों की स्थिति जानने के लिए दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने 11 सदस्यीय विशेषज्ञ कमेटी गठित की है। इसमें वकील, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ व सामाजिक कार्यकर्ता शामिल किए गए हैं। यह कमेटी सभी आश्रय घरों का मुआयना कर तीन महीने में विस्तृत रिपोर्ट डीसीडब्ल्यू को सौंपेगी।
औचक निरीक्षण का अधिकार
डीसीडब्ल्यू की सदस्य वंदना सिंह ने बताया कि विशेषज्ञ कमेटी के पास सभी आश्रय घरों का औचक निरीक्षण करने का अधिकार होगा। कमेटी आश्रय घरों में महिलाओं व बच्चियों की स्थिति, सुरक्षा, सुविधाओं और इनके पुनर्वास के लिए किए जा रहे कार्यों का जायजा लेगी। इसके बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर डीसीडब्ल्यू को सौंपेगी। इसके लिए कमेटी को तीन महीने का समय दिया गया है। वंदना ने बताया कि डीसीडब्ल्यू ने दिल्ली सरकार के महिला व बाल विकास विभाग और समाज कल्याण विभाग को नोटिस जारी कर आश्रय घरों की जानकारी मांगी है।
नारी आश्रय गृहों का सोशल ऑडिट होना चाहिए
बता दें कि हाल ही में दिल्ली महिला कांग्रेस ने पूर्वी दिल्ली के एक महिला आश्रय गृह में रहने वाली महिलाओं के उत्पीड़न का आरोप लगाया था। मामले की शिकायत आनंद विहार थाने में करते हुए महिला कांग्रेस अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। मुखर्जी ने सरकार से यह मांग भी की थी कि दिल्ली स्थित सभी नारी आश्रय गृहों का सोशल ऑडिट कराया जाना चाहिए।
नारी आश्रय गृहों का स्टिंग ऑपरेशन
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा था कि दिल्ली के सभी नारी आश्रय गृहों की जांच जरूरी है। उन्होंने बताया कि मुजफ्फरपुर और देवरिया में नारी निकेतन में रहने वाली महिलाओं के उत्पीड़न के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने महिला कांग्रेस को पूरे देश में चल रहे नारी आश्रय गृहों का जायजा लेने का निर्देश दिया था। इसी के तहत दिल्ली महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तीन नारी आश्रय गृहों का स्टिंग ऑपरेशन किया था। इनमें से पूर्वी दिल्ली के एक नारी निकेतन में रहने वाली महिलाओं ने उत्पीड़न की शिकायत की थी। महिलाओं का कहना था कि उनके साथ मारपीट की जाती है और उन्हें भरपेट भोजन भी नहीं दिया जाता।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष पर साधा निशाना
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने यह भी कहा था कि नारी आश्रय गृहों में यौन उत्पीड़न की बात भी सामने आई है। इसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है। उन्होंने इस बात की भी शिकायत की थी कि तीन नारी आश्रय गृहों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जाने नहीं दिया गया और जिस नारी निकेतन में गड़बड़ी मिली है, उसका नाम दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर भी दर्ज है। मुखर्जी दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद पर निशाना साधते हुए कहा था कि हाल ही में दावा किया गया था कि दिल्ली में चल रहे नारी आश्रय गृहों में सबकुछ ठीक है। जबकि सच्चाई कुछ और ही है।