दिल्ली मेट्रो फेज- 4 न्यूज : ब्लू लाइन और मजेंटा लाइन को दूसरी बार जोड़ने वाली टनल तैयार
Delhi Metro Phase 4 फेज चार के जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कारिडोर पर जनकपुरी पश्चिम से केशोपुर के बीच निर्माणाधीन भूमिगत कारिडोर का हिस्सा है। 73 मीटर लंबी टनल बोलिंग मशीन (टीवीएम) से इस सुरंग की खोदाई की गई।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने शुक्रवार को कृष्णा पार्क एक्सटेंशन के पास फेज चार में पहली सुरंग के एक हिस्से के खोदाई का काम पूरा कर लिया है, जो फेज चार के जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कारिडोर पर जनकपुरी पश्चिम से केशोपुर के बीच निर्माणाधीन भूमिगत कारिडोर का हिस्सा है। 73 मीटर लंबी टनल बोलिंग मशीन (टीवीएम) से इस सुरंग की खोदाई की गई। डीएमआरसी फेज चार के निर्माणकार्य के दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मान रहा है। सुरंग की खोदाई का कार्य बेहद जटिल होता है। सुरंग के एक हिस्से की खोदाई होने से भूमिगत कारिडोर के निर्माण के कार्य में तेजी आएगी।
डीएमआरसी का कहना है कि इस सुरंग की खोदाई का काम इस साल अप्रैल में शुरू हुआ था। कोरोना की दूसरी लहर में कई तरह की अड़चने के आने के बावजूद इसका निर्माण जारी रखा गया। डीएमआरसी के प्रबंधन निदेशक मंगू ¨सह की मौजूदगी में सुरंग के पहले हिस्से का खोदाई पूरा हुआ। जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कारिडोर वर्तमान मजेंटा लाइन की विस्तार परियोजना है।
गौरतलब है कि मौजूदा समय में मजेंटा लाइन पर बोटेनिकल गार्डन से जनकपुरी पश्चिम के बीच मेट्रो का परिचालन हो रहा है। जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कारिडोर की कुल लंबाई 28.92 किलोमीटर होगी। इसका 19.52 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड व 9.40 किलोमीटर हिस्सा भूमिगत होगी। इसी क्रम में जनकपुरी पश्चिम से केशोपुर के बीच 2.2 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जा रही है। इसके तहत एक दूसरे के समानांतर दो सुरंगों का निर्माण होगा। ताकि दोनों तरफ (अप व डाउन) से मेट्रो का परिचालन हो सके। जनकपुरी पश्चिम से केशोपुर के बीच तैयार सुरंग के समानांतर दूसरी सुरंग के खोदाई का काम जल्द शुरू होगा।
डीएमआरसी का कहना है कि नए सुरंग का निर्माण 14 से 16 मीटर की गहराई में किया जा रहा है। इस सुरंग में मेट्रो का भूमिगत कारिडोर तैयार करने के लिए एक हजार से अधिक रिंग का इस्तेमाल किया जाएगा। यह सुरंग 5.8 मीटर चौड़ी होगी, जो रिंग रोड़ व बहु मंजिली इमारतों के नीचे से गुजरेगी। इस सुरंग का निर्माण अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग तकनीक के इस्तेमाल से किया जा रहा है और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इसके तहत मुंडका यार्ड में कंक्रीट से तैयार रंग से निर्माण किया जा रहा है।