Move to Jagran APP

NGO's का दावा- हर साल दो करोड़ महिलाएं होती हैं वैवाहिक दुष्कर्म की शिकार

दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि कानून बनने में दुरुपयोग की संभावना बाधा नहीं है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 16 Jan 2018 07:42 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jan 2018 01:31 PM (IST)
NGO's का दावा- हर साल दो करोड़ महिलाएं होती हैं वैवाहिक दुष्कर्म की शिकार
NGO's का दावा- हर साल दो करोड़ महिलाएं होती हैं वैवाहिक दुष्कर्म की शिकार

नई दिल्ली (जेएनएन)। वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध की श्रेणी में लाने की मांग करने वाली कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को स्पष्ट किया कि कानून बनने में दुरुपयोग की संभावना बाधा नहीं है।

loksabha election banner

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर ने कहा कि किसी दंडात्मक प्रावधान का दुरुपयोग हो सकता है, ऐसी संभावना किसी कृत्य को अपराध की श्रेणी में नहीं लाने का आधार नहीं हो सकता।

पीठ की यह टिप्पणी केंद्र सरकार के उस जवाब पर आई, जिसमें केंद्र सरकार ने वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध नहीं बनाने के पीछे जो कारण बताए थे उसमें से एक यह था कि इसका दुरुपयोग हो सकता है।

गैर सरकारी संगठन आरआइटी फाउंडेशन व ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वूमंस एसोसिएशंस की वकील करुणा नंदी ने कोर्ट से कहा कि महिलाएं झूठी शिकायतें दर्ज करा सकती हैं, लेकिन यह अपने तरह का विशेष मामला है।

उन्होंने कहा कि झूठे मामले दर्ज कराने की संभावना वैवाहिक संस्था को अस्थिर कर सकती है और यह पति को प्रताड़ित करने का औजार बन सकता है, लेकिन यह वैवाहिक जोड़े के बीच जबरन यौन संबंध को अपराध घोषित नहीं करने का बचाव नहीं हो सकता।

संगठनों ने कहा कि भारत में हर साल तकरीबन दो करोड़ महिलाएं वैवाहिक दुष्कर्म की पीड़ित हैं। पाकिस्तान और भूटान जैसे पड़ोसी देशों ने वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध करार दिया है, जबकि श्रीलंका मंत्रिमंडल ने ऐसा करने के लिए एक प्रस्ताव को आगे बढ़ाया है। भारत को भी ऐसा करना चाहिए। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.