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आनलाइन ठगों की झूठी बातों के बहकावे में फंस जाते हैं पुलिस महकमे के आला अधिकारी भी, जानिए किन तरीकों से बनाते हैं शिकार

अधिकारियों को खासतौर पर झूठ पकड़ने का प्रशिक्षण दिया जाता है लेकिन आनलाइन ठगों की झूठी बातों के बहकावे में वे अक्सर आ रहे हैं। इस तरह के मामलों में साइबर सेल की ओर से लगातार कार्रवाई भी की गई है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 05 Jul 2021 02:10 PM (IST)Updated: Mon, 05 Jul 2021 02:10 PM (IST)
आनलाइन ठगों की झूठी बातों के बहकावे में फंस जाते हैं पुलिस महकमे के आला अधिकारी भी, जानिए किन तरीकों से बनाते हैं शिकार
ठगी के मामलों में ठगों को यह पता नहीं होता कि उनका शिकार कौन है और किस पद पर हैं।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अधिकारियों को खासतौर पर झूठ पकड़ने का प्रशिक्षण दिया जाता है, लेकिन आनलाइन ठगों की झूठी बातों के बहकावे में वे अक्सर आ रहे हैं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें पुलिस अधिकारी समेत कई बड़े पद पर बैठे अधिकारी ठगों के शिकार हुए। इस तरह के मामलों में साइबर सेल की ओर से लगातार कार्रवाई भी की गई है। कुछ मामलों में पीडि़तों के पैसे भी वापस हुए तो कई मामलों में आरोपित भी गिरफ्तार किए गए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना कि अधिकतर ठगी के मामलों में ठगों को यह पता नहीं होता कि उनका शिकार कौन है और किस पद पर हैं।

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संयुक्त पुलिस आयुक्त से हुई ठगी

वर्ष 2019 के अगस्त में ठगों ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय में तैनात संयुक्त पुलिस आयुक्त अतुल कटियार के साथ 28 हजार रुपये की ठगी की थी। आरोपितों ने उनके क्रेडिट कार्ड के लिए आफर मुहैया कराने के नाम पर भेजे गए लिंक के जरिये ठगी की थी। इस मामले में पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपितों से पूछताछ में पता चला कि इन आरोपितों ने सिर्फ आइपीएस अधिकारी को ही नहीं ठगा था, बल्कि एलजी हाउस में तैनात एक दानिक्स अधिकारी से भी ठगी की थी।

रिफंड के नाम पर रिटायर्ड आइपीएस को ठगा

तीन महीने पहले वसंत कुंज इलाके में रहने वाले रिटायर्ड आइपीएस अधिकारी राजिंदर कुमार से रिचार्ज का पैसा रिफंड करने का झांसा देकर एक लाख 62 हजार रुपये ठग लिए गए थे। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। अभी हाल ही में एम्स में तैनात चिकित्सक चेतन कुमार से ठगों ने सवा चार लाख रुपये की ठगी की थी। हालांकि साइबर सेल ने उनके सवा तीन लाख रुपये ठगों से वापस दिला दिया था।

साइबर सेल की हेल्पलाइन कर रही मदद

ठगे गए पैसों को वापस लाने के लिए इसी साल एक अप्रैल से हेल्पलाइन नंबर 155260 जारी किया गया था। ठगी होने के तुरंत बाद यदि पीडि़त इस नंबर पर शिकायत करता है तो उसकी रकम को बचाया जा सकता है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस हेल्पलाइन के जरिये अब तक एक करोड़ से अधिक की रकम ठगों के चंगुल से बचाई जा चुकी है।


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