पर्यावरण के प्रति जागरूकता की अलख जगाएगा पर्यावरण मेला, जानें- क्या होगा खास
मेले की सबसे बड़ी विशेषता उन अनूठे आइडियाज का प्रदर्शन होगा जो पर्यावरण संरक्षण में काफी मददगार हो सकते हैं।
नई दिल्ली, संजीव गुप्ता। दिल्ली के लिए प्रदूषण इस समय सबसे बड़ी समस्या है। इसके खतरों से आगाह कराने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए नवंबर के प्रथम सप्ताह में मेले का आयोजन किया जाएगा। यह मेला न सिर्फ यहां आने वालों का मनोरंजन करेगा, बल्कि उन्हें पर्यावरण के प्रति संवेदनशील भी बनाएगा। मेले की खासियत यह भी रहेगी कि इसमें स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राओं सहित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यावरण विशेषज्ञ भी शिरकत करेंगे।
1 से 3 नवंबर के बीच लगेगा मेला
क्लाइमेट जंबूरी नाम से यह पर्यावरण मेला 1 से 3 नवंबर के बीच त्यागराज स्टेडियम में लगाया जाएगा। केंद्रीय पर्यावरण, आवास एवं शहरी विकास, भू-विज्ञान, वाणिज्य मंत्रालय, यूनेस्को सहित कई अन्य एजेंसियों के सहयोग से यह मेला द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टेरी), स्कूल ऑफ एडवांस स्टडीज द्वारा आयोजित किया जा रहा है। मेले में स्कूल-कॉलेजों के 10 हजार छात्र-छात्राओं और एक सौ से भी अधिक पर्यावरण विशेषज्ञ एवं कलाकार भाग लेंगे।
कई कार्यक्रमों का होगा आयोजन
इस मेले में समूह चर्चा, कार्यशाला, सेमिनार, रिसर्च फोरम, कचरा, ऊर्जा, जल प्रबंधन व वायु प्रदूषण की स्थिति पर मंथन होगा। पर्यावरण संरक्षण की थीम पर चित्र प्रदर्शनी, नुक्कड़ नाटक, शास्त्रीय संगीत, संस्कृति व रहन-सहन के जरिये दर्शाया जाएगा कि किस प्रकार पर्यावरण की रक्षा की जाए।
यह होगी मेले की सबसे बड़ी विशेषता
मेले की सबसे बड़ी विशेषता उन अनूठे आइडियाज का प्रदर्शन होगा जो पर्यावरण संरक्षण में काफी मददगार हो सकते हैं। जैसे, सब्जियों के छिलकों से भी व्यंजन बनाकर कैसे रसोई का कचरा कम किया जा सकता है, खाना पकाने के तौर तरीकों में बदलाव लाकर कैसे घर के भीतर का प्रदूषण घटाया जा सकता है, घर दफ्तर के नौकर, माली, सफाईकर्मी, इलेक्ट्रीशियन, चौकीदार को भी कैसे पर्यावरण प्रहरी बनाया जा सकता है, युवाओं को किस तरह सार्वजनिक परिवहन के प्रति जागरूक किया जा सकता है, सोशल मीडिया के जरिये ऊर्जा संरक्षण कैसे किया जाए, शहरों के लिए आम हो रहे वायु और ध्वनि प्रदूषण, यातायात जाम एवं जल संकट की समस्या से किस तरह निपटा जाए और स्थायी एवं सतत विकास के पुख्ता उपाय क्या हों इत्यादि।
प्रदूषण से जंग जीती जा सकती है
साइंस एंड टेक्नोलॉजी, डेवलपमेंट एवं गवर्नेंस तीन हिस्सों में विभक्त इस मेले में भारतीय बैडमिंटन टीम कोच पुलेला गोपीचंद युवाओं को बताएंगे कि कैसे ईमानदारी से कोशिश की जाए तो प्रदूषण से जंग जीती जा सकती है।
टेरी स्कूल की कुलपति लीना श्रीवास्तव कहती हैं, जब तक युवा सहित समाज के हर वर्ग में पर्यावरण संरक्षण के प्रति चिंता जागृत नहीं होगी, तब तक तमाम योजनाएं कागजी बनकर ही रह जाएंगी। इस मेले के जरिये हर किसी के मन में पर्यावरण के प्रति चिंता व अपनी जिम्मेदारी का भाव पैदा किए जाने का प्रयास किया जाएगाा।