लाल किला और कुतब मीनार समेत दिल्ली के स्मारकों में 20 जनवरी तक प्रवेश रहेगा बंद
Delhi Corona News कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने अपने तहत राजधानी दिल्ली में आने वाले सभी स्मारकों में पर्यटकों के प्रवेश पर आगामी 20 जनवरी तक रोक लगा दी है।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने अपने तहत दिल्ली में आने वाले सभी स्मारकों में पर्यटकों के प्रवेश पर 20 जनवरी तक रोक लगा दी है। वहीं, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राणिकरण (डीडीएमए) ने भी राजधानी में सभी प्रकार की सामाजिक, सांस्कृतिक, अकादमिक एवं पर्व संबंधी गतिविधियों पर भी रोक लगा दी है। इस दौरान दिल्ली में किसी प्रकार की प्रदर्शनियों पर भी रोक रहेगी। यानी, कोरोना प्रतिबंधों के दौरान म्यूजियम, गैलरी और आर्काइव बंद रहेंगे। इस बारे में डीडीएमए ने केंद्रीय संस्कृति मंत्रलय को पत्र लिखकर स्थिति भी स्पष्ट कर दी है।
एएसआइ के निदेशक (स्मारक) एनके पाठक के आदेश पर दिल्ली के सभी स्मारक बृहस्पतिवार से बंद कर दिए गए। इस संबंध में एएसआइ ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार फैसला लिया है। इससे पहले दूसरी लहर आने पर पिछले साल 15 अप्रैल से एक माह के लिए स्मारक बंद किए गए थे, लेकिन बाद में यह समय और बढ़ा दिया गया था। स्मारक 16 जून को खुल सके थे।
बता दें कि लाकडाउन लगने पर पहली बार मार्च 2020 के अंत से सभी स्मारक बंद कर दिए गए थे। इसके बाद पर्यटकों की संख्या सीमित कर छह जुलाई, 2020 को टिकट वाले सभी स्मारकों को खोलने की अनुमति दे दी गई थी। कोरोना के मामले कम होने पर 19 दिसंबर, 2020 को पर्यटकों की संख्या से कैपिंग हटा ली गई थी। उल्लेखनीय है कि एएसआइ के दिल्ली में 174 स्मारक हैं। इनमें से 11 स्मारकों में प्रवेश करने के लिए टिकट लेना अनिवार्य है।
वहीं, म्यूजियम, गैलरी और आर्काइव बंद रखने के संबंध में डीडीएमए के विशेष सीईओ द्वारा केंद्रीय संस्कृति मंत्रलाय मंत्रलय के अतिरिक्त सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि दिल्ली में स्थित म्यूजियम, गैलरी एवं आर्काइव में भीड़ संबंधी गतिविधियां हो सकती हैं। इसीलिए लोगों के स्वास्थ्य की दृष्टि से म्यूजियम, गैलरी एवं आर्काइव पूरी तरह से बंद रहेंगे। दरअसल, राजधानी में पिछले एक सप्ताह में तेजी के साथ कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में सरकार की चिंता बढ़ गई है। हालांकि, केंद्र सरकार से संबंधित अन्य दफ्तरों को खोलने या बंद करने के बारे में केंद्र सरकार स्वयं निर्णय ले सकती है।