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गर्लफ्रेंड के साथ लिव इन रिलेशन में रह रहे इंजीनियर को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली सुरक्षा

याचिका के अनुसार याचिकाकर्ता व उसकी गर्लफ्रेंड इंजीनियर हैं और एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। अधिवक्ता जूही अरोड़ा के माध्यम से याचिका दायर कर युवक ने कहा कि लिव-इन-रिलेशन में रहने वाली उसकी गर्लफ्रेंड ने अपने स्वजन की दबाव के कारण आत्महत्या करने की कोशिश की थी।

By Jp YadavEdited By: Published: Thu, 18 Nov 2021 11:57 AM (IST)Updated: Thu, 18 Nov 2021 12:02 PM (IST)
गर्लफ्रेंड के साथ लिव इन रिलेशन में रह रहे इंजीनियर को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली सुरक्षा
गर्लफ्रेंड के साथ लिव इन रिलेशन में रह रहे इंजीनियर को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली सुरक्षा

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहे इंजीनियर को दिल्ली हाई कोर्ट ने सुरक्षा प्रदान की है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने याचिका पर सुनवाई के बाद संबंधित थाना एसएचओ को याचिकाकर्ता को सुरक्षा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। पीठ ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए और अगर कोई शिकायत मिलती है तो कानून के तहत उचित कार्रवाई करें। पीठ ने इसके साथ ही पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए 25 जनवरी तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी। दिल्ली हाई कोर्ट की एक अन्य पीठ से युवती को भी सुरक्षा मिल चुकी है।

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याचिका के अनुसार याचिकाकर्ता व उसकी गर्लफ्रेंड इंजीनियर हैं और एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। अधिवक्ता जूही अरोड़ा के माध्यम से याचिका दायर कर युवक ने कहा कि लिव-इन-रिलेशन में रहने वाली उसकी गर्लफ्रेंड ने अपने स्वजन की दबाव के कारण आत्महत्या करने की कोशिश की थी। युवती के स्वजन उस पर शादी कर दबाव डालते थे और उसके पढ़ने से लेकर कपड़े पहनने तक पर प्रतिबंध लगाते थे। इसी वजह से वह अपने भीलवाड़ा स्थित पैतृक घर से भागकर दिल्ली आ गई थी। दोनों बीते पांच साल से साथ रह रहे हैं। याचिका के अनुसार 30 सितंबर को दोनों एक होटल थे। इसका पता चलने पर युवती के स्वजन वहां पहुंच गए और उन दोनों की बेरहमी से पिटाई की। इसके बाद युवक ने युवती के स्वजन के खिलाफ साकेत थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे युवती के स्वजन से जान का खतरा है, ऐसे में दोनों की शादी होने तक उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए। साथ ही यह भी मांग की कि धमकी देने और फोन करने से उसकी गर्लफ्रेंड के स्वजन को रोका जाए। अदालत ने युवक की याचिका पर सुनवाई करने के बाद सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए संबंधित थाना एसएचओ को निर्देश दिया। वहीं अपने स्वजन से जान का खतरा होने का शक जाहिर करते हुए युवती ने एक गैर सरकारी संगठन के माध्यम से याचिका दायर की थी। इसके बाद हाई कोर्ट से युवती को सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी।


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