दिल्ली में आसियान प्रतिनिधियों को न पहनना पड़े मास्क, CPCB ने उठाया ऐ कदम
यही कारण है कि आसियान सम्मेलन के प्रतिनिधियों को देश आने से पहले उसने प्रदूषण को कड़े तेवर अख्तियार किया है।
नई दिल्ली [ संजीव गुप्ता ]। भारत-श्रीलंका के बीच हुए टेस्ट मैच के दौरान श्रीलंकाई खिलाडिय़ों ने जिस तरह से दिल्ली में प्रदूषण का मुद्दा उठाया था, जाहिर तौर पर उससे पूरे देश की और केंद्र सरकार की किरकिरी हुई थी। श्रीलंकाई खिलाडिय़ों ने पूरे मैच के दौरान मास्क पहन रखा था। केंद्र सरकार इस वाकये को अभी भूली नहीं है यही कारण है कि आसियान सम्मेलन के प्रतिनिधियों को देश आने से पहले उसने प्रदूषण को कड़े तेवर अख्तियार किया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने इस दौरान दिल्ली को हाई अलर्ट पर रखने का निर्णय लिया है। यह हाई अलर्ट अगले दो तीन दिन में घोषित कर दिया जाएगा। इसके अलावा वायु प्रदूषण के खतरनाक स्थिति में पहुंचते ही दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का इमरजेंसी प्लान भी लागू कर दिया जाएगा। सरकार का पूरा प्रयास है कि इन प्रतिनिधियों को दिल्ली में मास्क पहनने की नौबत नहीं आए।
गौरतलब है कि 3 दिसंबर 2017 को फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में भारत-श्रीलंका के बीच हुए मैच में श्रीलंकाई खिलाडिय़ों को मास्क पहनने की जरूरत पड़ गई थी। इसके चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की खूब किरकिरी भी हुई। सीपीसीबी के अनुसार 3 दिसंबर को एयर इंडेक्स 351 रहा था। फिलहाल भी दिल्ली का एयर इंडेक्स कमोबेश उतना ही चल रहा है। हवा के बावजूद बुधवार को भी दिल्ली का एयर इंडेक्स 350 रहा।
दूसरी तरफ यदि गणतंत्र दिवस के आसपास हवा की गति की बात करें तो मौसम विभाग महज सात दिनों तक का ही पूर्वानुमान करता है। जबकि कुछ वेबसाइटों के अनुसार 22 से 25 जनवरी तक दिल्ली में हवा की गति 4 से 9 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच रहेगी। अधिकतम तापमान भी 20 से 22 और न्यूनतम तापमान 9 से 10 डिग्री रहने की संभावना है। यदि पूर्वानुमान सही रहा तो वायु प्रदूषण बना रहेगा।
सीपीसीबी सूत्रों के अनुसार लिहाजा, इसी हफ्ते में दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिहाज से हाई अलर्ट घोषित कर दिया जाएगा। इसमें प्रदूषण कंट्रोल से जुड़ी सभी एजेंसियां सक्रिय हो जाएंगी। प्रदूषण से संबंधित शिकायतों को कम से कम समय में दूर करना होगा। स्थानीय निकाय पानी का छिड़कांव करेंगी।
विदेशी मेहमानों के ठहरने और दौरे वाली जगहों पर विशेष टीमें प्रदूषण रोकने के लिए तैनात होंगी। स्थानीय निकायों के अलावा सीपीसीबी की 40 क्विक रिस्पांस टीमें और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की टीमें सभी प्रदूषण को कम करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगी।
इसके अलावा वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचते ही ग्रेप का इमरजेंसी प्लान लागू कर दिया जाएगा। इसके तहत दिल्ली में आने वाले डीजल ट्रकों पर रोक, निर्माण कार्य पर रोक के अलावा ऑड-ईवन लागू करने जैसे कदम उठाए जाते हैं। जल्द ही दिल्ली एनसीआर में कोयले पर चल रही औद्योगिक इकाइयों को भी इस दौरान बंद करने पर भी निर्णय लिया जा सकता है। इस बाबत सीपीसीबी पहले ही पर्यावरण मंत्रालय को लिख चुका है।
सीपीसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि श्रीलंका क्रिकेट के समय सीपीसीबी को ही कटघरे में खड़ा किया गया था। सभी ने सीपीसीबी से सवाल जवाब किए, ऐसे में अब इस तरह के हालात न बनें, इसके लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है।
मालूम हो कि आसियान देशों में सिंगापुर, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, कंबोडिया, लाओस, म्यामार, वियतनाम, फिलिपींस, बुनेई शामिल हैं। आसियान सम्मेलन 15 से 25 जनवरी के दौरान होगा जबकि इन सभी देशों के प्रतिनिधि गणतंत्र दिवस पर भी भारत के विशिष्ट अतिथि होंगे।