एम्स ट्रामा सेंटर में 20 माह बाद शुरू हुई इमरजेंसी सुविधा
हादसा पीड़िता के इलाज की इमरजेंसी सुविधा एम्स के मुख्य अस्पताल से ट्रामा सेंटर में स्थानांतरित कर दी गई है। इस वजह से करीब 20 माह बाद बृहस्पतिवार को ट्रामा सेंटर में हादसा पीड़ितों के इलाज के लिए दोबारा इमरजेंसी सुविधा शुरू कर दी गई है।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। हादसा पीड़िता के इलाज की इमरजेंसी सुविधा एम्स के मुख्य अस्पताल से ट्रामा सेंटर में स्थानांतरित कर दी गई है। इस वजह से करीब 20 माह बाद बृहस्पतिवार को ट्रामा सेंटर में हादसा पीड़ितों के इलाज के लिए दोबारा इमरजेंसी सुविधा शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही ट्रामा सेंटर में हादसा पीड़ितों को वार्ड में भर्ती करने से लेकर इलाज की सभी सुविधाएं शुरू हो गई। इसके अलावा पहले के मुकाबले ट्रामा सेंटर में हादसा पीड़ितों के लिए बेड भी बढ़ गए हैं। इससे हादसा पीड़ितों को इलाज में आसानी होगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल कोरोना का संक्रमण शुरू होने पर 28 मार्च 2020 को एम्स ट्रामा सेंटर को कोविड अस्पताल तब्दील कर दिया गया था। इस वजह से ट्रामा सेंटर में कोरोना का इलाज शुरू कर दिया गया था। वहीं हादसा पीड़ितों के इलाज के लिए एम्स के मुख्य अस्पताल में व्यवस्था की गई थी और ओल्ड ओपीडी ब्लाक में ओल्ड ट्रामा इमरजेंसी चल रही थी।
मुख्य अस्पताल में हादसा पीड़ितों के इलाज के लिए 95 बेड की व्यवस्था की गई थी, जो ट्रामा सेंटर की तुलना में आधे से भी ज्यादा कम है। इस वजह से हादसा पीड़ितों का इलाज प्रभावित हो रहा था। इसके मद्देनजर इस साल अगस्त के अंतिम सप्ताह से ट्रामा सेंटर में हादसा पीड़ित स्थिर मरीज को भर्ती लेने का काम शुरू कर दिया गया था लेकिन ट्रामा इमरजेंसी एम्स के ओल्ड ओपीडी ब्लाक में ही चल रही थी। अब यह सुविधा भी ट्रामा सेंटर में शुरू कर दी गई है।
बढ़ाए गए 47 बेड: ट्रामा सेंटर के प्रमुख डा. राजेश मल्होत्रा ने कहा कि कोरोना से पहले ट्रामा सेंटर में 218 बेड थे। कोरोना के दौरान दो नए आइसीयू वार्ड व नए इमरजेंसी वार्ड की शुरुआत की गई, जिसमें 18 बेड है। ट्रामा सेंटर में अब 265 बेड है, जो कोरोना के पहले की तुलना में 47 बेड ज्यादा है। नई एमआरआइ मशीन भी लगी है। इससे हासदा पीड़ितों को जांच की बेहतर सुविधा मिल पाएगी।