यूपी के डॉक्टरों व वकीलों के लिए बड़ी खुशखबरी, पढ़िए- इलाहाबाद HC का ये अहम फैसला
हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक प्रकाश मिश्रा ने गाजियाबाद के सदर तहसील के तहसील बार एसोसिएशन गांधी नगर की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
गाजियाबाद, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि वकील, डॉक्टर, कलाकार और सलाहकारों के चैंबर में लगे बिजली मीटर से अब कमर्शियल की जगह घरेलू दरों से बिजली का बिल वसूला जाएगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अभिनव उपाध्याय और जस्टिस जयंत बनर्जी की बेंच ने ये महत्वपूर्ण आदेश दिया।
हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक प्रकाश मिश्रा ने गाजियाबाद के सदर तहसील के तहसील बार एसोसिएशन, गांधी नगर की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि वकीलों के चैंबर में लगे मीटरों से बिजली विभाग कमर्शियल दरों से बिल वसूली कर रहा है। वहीं, वित्तीय वर्ष 2016-17 की टैरिफ में साफ कहा गया था कि वकीलों, डॉक्टरों, कलाकारों और सलाहकारों के चैंबर में लगे बिजली कनेक्शन में घरेलू बिजली दरें लागू होंगी।
याचिकाकर्ताओं ने आरटीआई से 13 अगस्त 2017 को ये जानकारी भी निकलवाई, जिसमें वकीलों के चैंबर में लगा मीटर घरेलू श्रेणी का था। जबकि इसके बिल कमर्शियल दर से आ रहे थे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस याचिका की सुनवाई के बाद याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला दिया। हाईकोर्ट ने पश्चिम विद्युत वितरण निगम, मेरठ के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर को आदेश दिये कि वो याचिकाकर्ताओं के आवेदन पर हुए फैसले को लागू करवाएं। आदेश के मुताबिक बिजली बिलों को दुरुस्त करवाएं। हाईकोर्ट ने इसके लिए पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम को दो महीने का वक्त दिया है।
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