AAP-कांग्रेस को बड़ा झटकाः EVM से ही होंगे दिल्ली MCD के चुनाव
पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आने के बाद बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ईवीएम पर सवाल उठाया था। केजरीवाल और माकन ने भी ईवीएम पर सवाल उठाए थे।
नई दिल्ली (जेएनएन)। ईवीएम पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन की एक नहीं चली। दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा है कि 22 अप्रैल को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों में ईवीएम के जरिये ही वोट डाले जाएंगे।
पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आने के बाद बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ईवीएम पर सवाल उठाया था। दोनों के सुर में सुर मिलाते हुए केजरीवाल और माकन ने भी ईवीएम पर सवाल उठाए थे।
केजरीवाल ने मुख्य सचिव को निर्देश तक दे दिए थे कि नगर निगम चुनावों में बैलेट बॉक्स की व्यवस्था की जाए, लेकिन राज्य चुनाव आयोग ने दिल्ली सरकार को बता दिया है कि नगर निगम चुनाव ईवीएम से ही होंगे।राज्य चुनाव आयुक्त एसके श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली सरकार का एक नोट आया था, जिसका उन्होंने जवाब दे दिया है।
उन्होंने कहा कि आयोग ने दिल्ली सरकार को ईवीएम की सुरक्षा से संबंधित पूरी जानकारी दी है। सरकार को बताया गया है कि ईवीएम की कितनी बार जांच होती है। वर्ष 2007 से ईवीएम से चुनाव होता आ रहा है। यह भी सरकार को बता दिया है कि बैलेट से चुनाव कराने के लिए सरकार को नियमों में बदलाव करना होगा। अब समय कम है। हम ईवीएम से चुनाव कराने की तैयारी कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अब बैलेट बॉक्स बनने बंद हो गए हैं। उसके लिए फिर से प्रक्रिया शुरू करनी होगी। आयुक्त ने कहा कि मंगलवार शाम को हुई सभी दलों की बैठक में भी अजय माकन की ओर से यह मुद्दा आया था कि चुनाव बैलेट पेपर से कराया जाए।
इससे पूर्व, अजय माकन ने ट्वीट किया था कि लोग ईवीएम से चुनाव पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में केजरीवाल से अपील है कि वे निष्पक्ष और निर्विवाद चुनाव के लिए बैलेट पेपर के जरिये चुनाव कराएं।
माकन ने ईवीएम पर उठाया था सवाल
ट्वीट कर मुख्यमंत्री से बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग के साथ ही माकन ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में भी कहा कि ईवीएम पर संदेह जताया जा रहा है। लोकतंत्र में चुनाव निष्पक्ष हो तथा चुनाव की विश्वसनीयता बनी रहे इसके लिए निगम चुनाव बैलट पेपर से होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में ईवीएम में वोट वेरिफायर पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के इस्तेमाल की बात कही थी ताकि चुनाव में पारदर्शिता रखी जा सके, लेकिन अब तक चुनाव आयोग ने इस तकनीक को लागू नहीं किया है। अमेरिका सहित विश्व के कई विकसित देश चुनाव में आज भी बैलट पेपर का इस्तेमाल करते हैं। किसी भी मतदाता के मन में कोई संशय न रहे, इसके लिए बैलेट पेपर से चुनाव कराने की जरूरत है।