AIIMS News: इलाज का खर्च कम करने व डाक्टरों की संख्या बढ़ाने का हो रहा प्रयास: डा. भारती पवार
AIIMS News शोध संस्थानों की श्रेणी में भी एम्स शीर्ष दस में शामिल है। एम्स देश का एक मात्र संस्थान है जिस पर मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी होने के बावजूद वह दस प्रमुख शोध संस्थानों की श्रेणी में शामिल है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। कोरोना की जांच व प्रबंधन के अलावा इस बीमारी के कारण मृत्यु दर को कम करने व मरीजों के ठीक होने की दर अधिकतम रखने में देश की चिकित्सा प्रणाली ने बड़ी क्षमता दिखाई है। एम्स ने भी कोरोना के इलाज, शोध व दूसरे चिकित्सा संस्थानों को मार्ग दर्शन में एम्स ने भी अहम भूमिका निभाई है। एम्स को भविष्य की चुनौतियों के लिए भी तैयार रहना चाहिए। यह बातें केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डा. भारती प्रवीण पवार ने कही। वह रविवार को एम्स के 67वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गरीबों के इलाज का खर्च कम करने के साथ ही डाक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए तेजी से प्रयास कर रही है। ताकि सबको किफायती चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके।
मेडिकल शिक्षण संस्थान की श्रेणी में लगातार पांच साल से शीर्ष पर
डा. भारती प्रवीण पवार ने एम्स की प्रशंसा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) रैंकिंग में यह संस्थान मेडिकल शिक्षण संस्थानों की श्रेणी में लगातार पांच सालों से शीर्ष स्थान पर बरकरार है। शोध संस्थानों की श्रेणी में भी एम्स शीर्ष दस में शामिल है। एम्स देश का एक मात्र संस्थान है जिस पर मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी होने के बावजूद वह दस प्रमुख शोध संस्थानों की श्रेणी में शामिल है। एम्स को अपने उच्च मानक को बनाए रखने के लिए आगे भी कठिन प्रयास जारी रखने होंगे और नए मानक तय करने होंगे। साथ ही एम्स को मरीजों के अनुकूल बनाने के लिए काम करना है।
एम्स को कागज रहित बनाने की पहल
वहीं एम्स के निदेशक डा. एम श्रीनिवास ने पिछले एक साल में मरीजों के इलाज, सर्जरी और उपलब्धियों का आंकड़ा प्रस्तुत किया और कहा कि एम्स को कागज रहित बनाने के लिए सरल एम्स, स्मार्ट लैब जैसे कार्य हुए। स्मार्ट लैब से मरीजों की जांच आसान हुई। वह एम्स विस्तार की परियोजनाओं को पूरा कराएंगे। आने वाले समय में एम्स में कुछ सकारात्मक बदलाव दिखेगा।