दिल्ली सरकार से 1100 करोड़ का अनुदान अपर्याप्त : निगम
पूर्वी व उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने मंगलवार को हाई कोर्ट में जानकारी देते हुए दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए 1100 करोड़ रुपये के अनुदान को अपर्याप्त बताया।
नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्वी व उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने मंगलवार को हाई कोर्ट में जानकारी दी कि दिल्ली सरकार की ओर से जारी 1100 करोड़ रुपये का अनुदान अपर्याप्त है। उक्त धनराशि पांचवें वेतन आयोग की सिफारिश के हिसाब से नहीं है। इस पर मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर सात मार्च तक उसका पक्ष मांगा है।
मुख्य पीठ ने निगमों को आदेश दिया कि दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए अनुदान को कर्मचारियों के वेतन एवं पेंशन भुगतान में ही इस्तेमाल किया जाए। दिल्ली सरकार की तरफ से एडिशनल काउंसल सत्यकाम ने बताया कि चौथे वित्त आयोग की सिफारिश के हिसाब से 632 करोड़ रुपये पूर्वी दिल्ली नगर निगम एवं 472 करोड़ रुपये उत्तरी दिल्ली नगर निगम को जारी किए गए।
इस पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने खुद ही माना है कि उसने पांचवें वित्त आयोग की सिफारिश के हिसाब से अनुदान नहीं दिया है, ऐसे में यह अपर्याप्त है। उन्होंने दिल्ली सरकार को और अनुदान जारी करने का निर्देश देने की मांग की।
उन्होंने कहा कि पांचवें वित्त आयोग के हिसाब से पूर्वी दिल्ली नगर निगम को 987 करोड़ रुपये दिए जाने थे, जबकि सरकार ने 632 करोड़ रुपये ही दिए। इस पर पीठ ने कहा कि वह मामले पर अगली तारीख पर विस्तार से सुनवाई करेगी। गौरतलब है कि निगम कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। नगर निगम के 45 हजार कर्मचारियों में करीब 13 हजार शिक्षक, नर्स, डॉक्टर और क्लर्क शामिल हैं।