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रॉबर्ट वाड्रा और महेश नागर कनेक्‍शन से सांसत में पड़ी कांग्रेस, ED ने कसा शिकंजा

अगर जांच में कुछ निकला तो राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा और कांग्रेस विधायक लिलत नागर के भाई महेश के साथ कनेक्‍शन की आंच कांग्रेस पर आना लाजमी है। इससे पूरी कांग्रेस सांसत में है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 10 Feb 2018 12:52 PM (IST)Updated: Sun, 11 Feb 2018 07:25 AM (IST)
रॉबर्ट वाड्रा और महेश नागर कनेक्‍शन से सांसत में पड़ी कांग्रेस, ED ने कसा शिकंजा
रॉबर्ट वाड्रा और महेश नागर कनेक्‍शन से सांसत में पड़ी कांग्रेस, ED ने कसा शिकंजा

फरीदाबाद [ बिजेंद्र बंसल ] । बीकानेर में एक भूमि घोटाले से संबंधित धनशोधन मामले की अपनी जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रॉबर्ट वाड्रा के एक करीबी और कांग्रेस नेता महेश नागर के फरीदाबाद स्थित परिसरों पर छापेमारी की। शुक्रवार को राजस्थान पुलिस फोर्स के साथ जब ईडी की टीम फरीदाबाद स्थित महेश के कार्यालय पहुंची तो इसकी चर्चा पूरे जिले में फैल गई। करीब छह घंटे की लंबी कार्रवाई के दौरान ईडी की टीम ने अहम दस्तावेज एकत्र किए। हालांक‍ि इस दौरान महेश अपने कार्यालय पर नहीं थे। नागर एमएस स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। इस कंपनी के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा से कथित ताल्लुकात हैं।

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इडी के इस कार्रवाई के सियासी हलके में बड़े निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। अगर जांच में कुछ निकला तो राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा और कांग्रेस विधायक लिलत नागर के भाई महेश के साथ कनेक्‍शन की आंच कांग्रेस पर आना लाजमी है। इससे पूरी कांग्रेस सांसत में है।

बता दें कि कांग्रेस विधायक ललित नागर परिवार का मास्टर माइंड महेश नागर ही है। महेश ने ही जमीन की खरीद-फरोख्त के जरिये वाड्रा-गांधी परिवार से संबंध बनाए थे। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा आम है कि 2009 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने महेश के संबंधों के आधार पर ही ललित नागर को तिगांव क्षेत्र से टिकट दिया था।

महेश नागर 2007-08 में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पलवल के हसनपुर क्षेत्र में 6.5 एकड़ जमीन दिलवा चुका है। कांग्रेस के बड़े नेता जब यहां जमीन खरीदते थे तो जमीन के भाव इसलिए आसमान छू लेते थे कि यहां कोई बड़ा सरकारी प्रोजेक्ट आना वाला है जबकि यह जमीन यमुना के किनारे है।

महेश के निजी चालक अशोक को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है ईडी

बीकानेर जमीन के मामले में ईडी महेश नागर के निजी चालक अशोक कुमार को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। ईडी ने 22 दिसंबर 2017 को अशोक व एक अन्य आरोपी जयप्रकाश को गिरफ्तार किया था। इससे पहले ईडी की टीम ने 12 अप्रैल 2017 को महेश नागर के स्थायी व पैतृक निवास पर छापा मारा था। तब ईडी की टीम अशोक कुमार का घर देखकर हैरान रह गई थी कि जिसके नाम से बीकानेर में लाखों रुपये की जमीन की खरीद-फरोख्त हुई, उसके घर का माहौल काफी सामान्य था। गांव के लोगों ने भी ईडी को मौखिक तौर पर बताया था कि अशोक तो केवल महेश के यहां नौकरी करता था।

महेश ही है नागर परिवार का मास्टर माइंड

राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा आम है कि 2009 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने महेश के संबंधों के आधार पर ही ललित नागर को तिगांव क्षेत्र से टिकट दी थी मगर तब ललित मौजूदा केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर से 818 मतों से हार गए थे।

इसके बाद 2014 के चुनाव में ललित भाजपा के राजेश नागर से चुनाव जीत गए थे। तिगांव क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट के अन्य मजबूत दावेदार जेपी नागर पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ के काफी नजदीकी थे और प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं मगर जेपी नागर ललित के सामने पार्टी में बौने पड़ गए थे।

ललित नागर कांग्रेस को बदनाम करने के लिए हो रही छापेमारी

फरीदाबाद तिगांव कांग्रेस विधायक ललित नागर ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहले 12 अप्रैल को हमारे सेक्टर-17 स्थित निवास और गांव बुआपुर स्थित पैतृक निवास पर छापा मारा था। तब ईडी को कुछ नहीं मिला था। इसके बाद ईडी ने 22 दिसंबर को हमारे गांव के युवक अशोक कुमार व एक अन्य जयप्रकाश बगरवा को गिरफ्तार किया। मेरे भाई महेश नागर से ईडी ने समय-समय पर जो कागजात मांगे हैं, वे ईडी को पहले भी दिए जा चुके हैं। अब ईडी सिर्फ कांग्रेस को बदनाम करने के लिए छापे मार रही है।

चूंकि इस मामले में बड़े नेताओं के नाम हैं इसलिए ईडी इसे उछाल रही है। जमीन की खरीद-फरोख्त का काम हमारा काम है और ऐसा काम देश में हजारों-लाखों लोग कर रहे हैं। शुक्रवार एक बार फिर ईडी की टीम ने हमारे फरीदाबाद नहर पार स्थित कार्यालय की छानबीन की है और यह टीम कुछ बिजली के बिल व हमारे मकान-कार्यालयों व फार्म हाउस की रजिस्ट्री की फोटो प्रति सहित होटल आदि में ठहरने के बिल लेकर गई है। इनके बारे में आयकर विभाग और ईडी को हम पहले भी जानकारी दे चुके हैं।


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