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दौड़ी सपनों की मेट्रो : दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद व बहादुरगढ़ का आसान हुआ सफर; देखें तस्वीरें

दिल्ली मेट्रो रेड लाइन पर शहीद स्थल न्यू बस अड्डा से दिलशाद गार्डन के बीच संचालन शुरू होने से एनसीआर का सफर आसान हो गया है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 09 Mar 2019 12:47 PM (IST)Updated: Sun, 10 Mar 2019 08:20 AM (IST)
दौड़ी सपनों की मेट्रो : दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद व बहादुरगढ़ का आसान हुआ सफर; देखें तस्वीरें
दौड़ी सपनों की मेट्रो : दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद व बहादुरगढ़ का आसान हुआ सफर; देखें तस्वीरें

गाजियाबाद, जेएनएन। शहीद स्थल न्यू बस अड्डा से दिलशाद गार्डन के लिए मेट्रो रेल सेवा शनिवार से शुरू हो गई है।  आम जनता के लिए शनिवार सुबह 8 बजे से मेट्रो रेल सेवा शुरू हुई है। यह कॉरिडोर दिल्ली मेट्रो की रेड लाइन का विस्तार है, जो रिठाला तक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर शुक्रवार शाम को मेट्रो रेल को रवाना किया था और उसी मेट्रो में सवार होकर वह दिल्ली चले गए थे। 

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मेट्रो से एनसीआर का सफर होगा आसान

दिल्ली मेट्रो रेड लाइन पर शहीद स्थल न्यू बस अड्डा से दिलशाद गार्डन के बीच संचालन शुरू होने से एनसीआर का सफर आसान हो गया है। इंटरचेंज करके फरीदाबाद, गुरुग्राम, बहादुरगढ़ और द्वारका सेक्टर-21 तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।

ऐसे जाएं गुरुग्राम

येलो लाइन से गुरुग्राम हुडा सिटी सेंटर तक का आरामदायक सफर किया जा सकता है। रेड लाइन पर यात्र करने वाले कश्मीरी गेट इंटरचेंज से येलो लाइन पर जा सकते हैं। इस लाइन पर ही राजीव चौक, एम्स, हौजखास, मालवीय नगर, दिल्ली यूनिवर्सिटी, आजादपुर और विधानसभा तक जाना सुगम होगा।

फरीदाबाद ऐसे जाएं

कश्मीरी गेट से ही इंटरचेंज कर वॉयलेट लाइन का रुख किया जा सकता है। वॉयलेट लाइन पर फरीदाबाद और बल्लभगढ़ के राजा नाहर सिंह पैलेस तक पहुंचा जा सकता है। इसी रूट पर दिल्ली गेट, आइटीओ, मंडी हाउस, जनपथ, सेंट्रल सेक्रेट्रिएट, खान मार्किट, लाजपत नगर, मूलचंद, कालकाजी है। इस लाइन के कालकाजी स्टेशन इंटरचेंज से मेट्रो बदलकर जामिया मिल्लिया इस्लामिया, ओखला विहार और बोटानिकल गार्डन तक जाना संभव होगा।

ग्रीन लाइन पहुंचाएगी बहादुरगढ़

ग्रीन लाइन के रास्ते बहादुरगढ़ तक सफर तय किया जा सकता है। रेड लाइन पर इंद्रलोक इंटरचेंज से ग्रीन लाइन का रुख किया जा सकता है। इसी लाइन पर पंजाबी बाग, पश्चिम विहार, नांगलोई, मुंडका, टिकरी बॉर्डर है। ब्लू लाइन पर कीर्ति नगर इंटरचेंज से द्वारका सेक्टर-21 का रुख किया जा सकता है।

मेट्रो का किराया

 

  • हिंडन रिवर स्टेशन तक: 10 रुपये
  • अर्थला, मोहन नगर, श्यामपार्क: 20 रुपये
  • राजेंद्र नगर, राजबाग, शहीद नगर, दिलशाद गार्ड, ङिालमिल, मानसरोवर पार्क :30 रुपये
  • शाहदरा, वेलकम, सीलमपुर, शास्त्रीपार्क, कश्मीरी गेट 40 रुपये रिठाला : 60 रुपये

यहां पर बता दें कि शुक्रवार को उद्घाटन से थोड़ी देर पहले सिकंदरपुर में जनसभा में गाजियाबाद में मेट्रो का जिक्र करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दिल्ली एनसीआर में जाम और प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या है। मेट्रो का विस्तार होने से लोगों को राहत मिलेगी। जरूरी काम पर निकलने वाले लोगों को जाम में नहीं फंसना पड़ेगा। अब लोग अपनी कार को आराम दे सकते हैं और ऑफिस जाने के लिए मेट्रो का प्रयोग कर सकते हैं।

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) की मानें तो रोजाना 1.28 लाख यात्री इस कॉरिडोर से सफर के लिए चलेंगे। नौकरी पेशा, स्टूडेंट्स और बिजनेसमैन को सबसे ज्यादा इसका फायदा होगा। उनके समय की बचत होगी। शहीद स्थल न्यू बस अड्डा से मेट्रो रेल में दिलशाद गार्डन तक के सफर में 16 मिनट का वक्त लगेगा। रिठाला तक 57 मिनट में पहुंचना संभव होगा। वहीं कार से दिलशाद गार्डन तक पहुंचने में अभी 55 मिनट का वक्त लगता है। दोपहिया वाहन से 45 मिनट लगते हैं। ऑटो से जाएं तो इस बीच सफर 65 से 75 मिनट का होता है। मेट्रो से लोगों के 39 से 59 मिनट बचेंगे। इससे पहले कौशांबी और वैशाली तक मेट्रो है।

हर 6.12 मिनट पर ट्रेन

इस कॉरिडोर पर छह मिनट 12 सेकेंड के अंतराल पर मेट्रो रेल स्टेशन पर उपलब्ध होगी। इससे दिल्ली जाने वाले लोगों समय पर ऑफिस, कॉलेज और प्रतिष्ठान तक पहुंच सकेंगे। ज्यादातर लोग दिल्ली के जाम में उलझ कर रह जाते थे। मेट्रो सरपट उन्हें गंतव्य तक पहुंचा देगी। डीएमआरसी ने बताया कि छह कोच वाली 35 मेट्रो रेल के नियमित संचालन से इसे संभव किया जाएगा।

थीम पेंटिंग से सजा कॉरिडोर

कॉरिडोर को जीडीए ने थीम पेंटिंग से सजाया है। लोक नृत्य, कृष्ण बाल लीला, जिले के प्रमुख चार द्वार और मेट्रो रेल के पिलर पर पेंट किया गया है। इसके अलावा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश थीम पेंटिंग के जरिये दिया गया है।

चुनौती भरा रहा कॉरिडोर का निर्माण

डीएमआरसी के लिए जीटी रोड के बीचोंबीच कॉरिडोर का निर्माण कार्य करना चुनौतीपूर्ण रहा। यातायात रोके बगैर तकनीक और दक्षता के सहारे पूरे कॉरिडोर का निर्माण किया गया। 401 पिलर पर एलिवेटेड कॉरिडोर खड़ा है। इस पर 695 यू-गर्डर्स और 138 आइ-गर्डर्स रखे गए। 1000 लोगों ने दिन-रात की मेहनत से इसे तैयार किया है। एक गार्डर का वजन करीब 162 किलोग्राम है। जिससे 350 से 500 टन क्षमता की क्रेन की मदद से ऊंचाई पर रखा गया। निर्माण के दौरान पिछले वर्ष अप्रैल में एक हादसा भी हुआ था। जिसमें गार्डर ऑटो पर गिरने से पांच लोग घायल हो गए थे।

डीपीआर संशोधन के बाद अस्तित्व में आया हिंडन रिवर स्टेशन

2012 में इस कॉरिडोर की डीपीआर बनाई गई थी। तब 1770 करोड़ रुपये लागत का आकलन हुआ था। उस डीपीआर में सात स्टेशन थे। 17 जून 2014 में डीएमआरसी से कॉरिडोर के निर्माण के लिए करार हुआ। निर्माण कार्य शुरू होने के बाद 2015 में डीपीआर में संशोधन किया गया। उसमें तय हुआ कि राजनगर एक्सटेंशन वासियों के लिए हिंडन रिवर स्टेशन बनाया जाएगा। यही एकमात्र स्टेशन है जिसके निर्माण के लिए शुल्क राजनगर एक्सटेंशन वासियों से लिया जाएगा। इस स्टेशन के बढ़ने के कारण कॉरिडोर की लागत बढ़ाकर 2210 करोड़ रुपये कर दी गई। हालांकि, फाइनल कास्टिंग होने पर पाया गया कि कॉरिडोर को बनाने में 1781.21 करोड़ रुपये ही लागत आई है।

बनने में लग गए चार साल आठ महीने

इस कॉरिडोर को बनने में चार साल आठ महीने का वक्त लगा है। पहले डीपीआर में संशोधन के चलते देरी हुई। फिर स्टेशन और फायर एस्केप की जमीन तलाशने में वक्त लग गया। फंड समय से न मिलने के कारण भी काम रुका रहा।

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