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Earthquake in Delhi NCR: दिल्‍ली समेत देश के कई राज्यों में भूकंप के झटके

भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.9 मापी गई, जबकि भूकंप का केंद्र तजाकिस्तान बताया जा रहा है। फिलहाल भूकंप के कारण किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 08:15 AM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 10:06 AM (IST)
Earthquake in Delhi NCR: दिल्‍ली समेत देश के कई राज्यों में भूकंप के झटके
Earthquake in Delhi NCR: दिल्‍ली समेत देश के कई राज्यों में भूकंप के झटके

नई दिल्ली, जेएनएन। देश की राजधानी दिल्ली के साथ एनसीआर के इलाकों गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद, सोनीपत, गाजियाबाद समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में बुधवार सुबह करीब आठ बजे भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। फिलहाल भूकंप के कारण किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। वहीं,  उत्तर प्रदेश के मेरठ तक भूकंप के झटके मसहूस किए गए। इनमें हरियाणा के कई जिले भी शामिल हैं। 

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दिल्ली-एनसीआर में बुधवार सुबह 7ः59 बजे के आसपास फिर भूकंप आया, हालांकि इससे किसी नुकसान की खबर नहीं है। भूकंप के झटके हल्के थे, लेकिन दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, सोनीपत में लोगों ने महसूस किए। जानकारी के अनुसार भूकंप के झटके दिल्ली के अलावा हरियाणा (सोनीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम, पलवल, बल्लभगढ़) और यूपी (नोएडा, गाजियाबाद) में भी महसूस किए। यूरोपियन-मेडिटेरेनियम सीस्मोलॉजिकल सेंटर (European-Mediterranean Seismological Centre) के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4 आंकी गई। इसका केंद्र उत्तर प्रदेश के मुजफ्फनगर में था। 

यहां पर बता दें कि दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई इलाके भूकंप के लिहाज से खतरनाक इलाकों में आते हैं। खासकर सिस्मिक जोन 5 (पांच) भूकंप के लिहाज से देश का सबसे खतरनाक इलाका है।

सिस्मिक जोन 2 
देश की बाकी जगहें सिस्मिक जोन 2 में आते हैं, ये भूकंप के लिहाज से कम खतरनाक है, यहां 4.9 तीव्रता से ज्यादा का भूकंप आने का खतरा नहीं है। 

सिस्मिक जोन 3
जोन 3  को भूकंप के लिहाज से मध्यम खतरे वाला माना जाता है। इस जोन में केरल, गोवा, लक्षदीप, यूपी, गुजरात और पश्चिम बंगाल के बचे हुए इलाके, पंजाब, रास्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओड़िशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक के इलाके आते हैं।

सिस्मिक जोन 4
सिस्मिक जोन 4 भी भूकंप के लिहाज से काफी खतरनाक माना जाता है. यहां सात से 7.9 तीव्रता तक भूकंप आ सकते हैं। इस जोन में राजधानी दिल्ली, एनसीआर के इलाके, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के इलाके, यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल का उत्तरी इलाका, गुजरात का कुछ हिस्सा और पश्चिम तट से सटा महाराष्ट्र और राजस्थान का इलाका आता है।

सिस्मिक जोन 5
सिस्मिक जोन 5 का मतलब है यहां आठ की तीव्रता से ज्यादा का भूकंप आ सकता है। इस जोन में देश का पूरा नॉर्थ ईस्ट इलाका, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तरांचल के इलाके, गुजरात का कच्छ, उत्तर बिहार और अंडमान निकोबार द्वीप शामिल है।
 

क्यों आते हैं भूकंप

पृथ्वी बारह टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है, जिसके नीचे तरल पदार्थ लावा के रूप में है। ये प्लेटें लावे पर तैर रही होती हैं। इनके टकराने से ही भूकंप आते हैं। टैक्‍टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं और खिसकती भी हैं। हर साल ये प्लेट्स करीब 4 से 5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। इस क्रम में कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं। जिनकी वजह से भूकंप आते हैं।

यहां पर बता दें कि दिल्ली जोन-4 में आता है, जबकि मुंबई और कोलकाता जोन-3 में में है। यह अलग बात है कि अब तक देश के प्रमुख शहरों में शुमार दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है। दिल्ली भूकंप जोन-4 में स्थित है, ऐसे में यहां पर भूकंप आने की ज्यादा संभावना है। एतिहासिक संकेतों के मुताबिक एक भयानक भूकंप कभी भी आ सकता है। यह सबक बिहार में 1934 और असम में 1950 में आए भूकंप से मिलता है।

भूवैज्ञानिकों के मुताबिक, 1950 के असम के भूकंप ने हिमालय में एक बड़े भूकंप की जमीन तैयार कर दी है। इस भूकंप के बाद 65 साल बीत गए हैं और संभव है कि कोई विकराल भूकंप आने ही वाला हो।

भूकंप का खतरा नहीं झेल पाएगी दिल्ली

बता दें कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की एक बड़ी समस्या आबादी का घनत्व भी है। तकरीबन दो करोड़ की आबादी वाली राजधानी दिल्ली में लाखों इमारतें दशकों पुरानी हैं और तमाम मोहल्ले एक दूसरे से सटे हुए बने हैं। ऐसे में बड़ा भूकंप आने की स्थिति में जानमाल की भारी हानि होगी। वैसे भी दिल्ली से थोड़ी दूर स्थित पानीपत इलाके के पास भू-गर्भ में फॉल्ट लाइन मौजूद है जिसके चलते भूकंप की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता।

खतरनाक हैं दिल्ली की 70-80% इमारतें

विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि दिल्ली में भूकंप के साथ-साथ कमज़ोर इमारतों से भी खतरा है। एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली की 70-80% इमारतें भूकंप का औसत से बड़ा झटका झेलने के लिहाज से नहीं बनी हैं।

भूकंप आए तो क्या करें

भूकंप का एहसास होते ही घबराएं नहीं। घर से बाहर किसी खाली जगह पर खड़े हो जाना चाहिए। बच्चों व बुजुर्गों को पहले घर से बाहर निकालें, किनारे में खड़े रहें। घर में भारी सामान सिर के ऊपर नहीं होना चाहिए।

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