Move to Jagran APP

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की सरकारी स्कूल के बच्चों से बातचीत

बच्चों से बातचीत करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि अब तक हमने बड़े उद्यमियों से संवाद किया है। लेकिन आज हमारे बच्चे उस व्यक्ति से संवाद कर रहे हैं जो लाखों लोगों की जिंदगी में बदलाव ला रहे हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 06:48 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 06:48 PM (IST)
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की सरकारी स्कूल के बच्चों से बातचीत
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की फाइल फोटो

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट कुरिकुलम के तहत डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बच्चों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। इस अवसर पर ‘गूंज‘ एनजीओ के संस्थापक अंशु गुप्ता ने भी बच्चों से संवाद किया। मैगसेसे सम्मान प्राप्त गुप्ता ने बच्चों को अपने सपने पूरा करने के लिए लगातार काम करते रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि नींद वाले सपने अलग होते हैं, लेकिन आपको सफल होना है तो जागते हुए सपने देखने होंगे, क्योंकि उस पर आपको काम करना है।

loksabha election banner

बच्चों से बातचीत करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि अब तक हमने बड़े उद्यमियों से संवाद किया है। लेकिन आज हमारे बच्चे उस व्यक्ति से संवाद कर रहे हैं जो लाखों लोगों की जिंदगी में बदलाव ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने लिए तो सभी लोग काम करते हैं, लेकिन अंशु गुप्ता ने दूसरों की पीड़ा समझकर उनके लिए अपना जीवन समर्पित किया है। इसीलिए उन्हें दुनिया का प्रतिष्ठित ‘रमन मैगसेसे सम्मान‘ मिला, जिसे एशियाई देशों का नोबेल पुरस्कार कहा जाता है। सिसोदिया ने कहा अंशु गुप्ता किसी पैकेज या खुद के लिए काम नहीं कर रहे बल्कि अपने काम का आनंद ले रहे हैं। दूसरों की मदद करने में आनंद मिलता है। हमारे ईएमसी कोर्स का मकसद यही है कि बच्चों को अपने काम में आनंद लेने योग्य बना सकें।

अंशु गुप्ता ने बच्चों से संवाद करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की इस बात पर सहमति जताई कि हमें अपने काम में आनंद आना सबसे जरूरी है। गुप्ता ने कहा कि हम काफी दुखी लोगों की पीड़ा से जुड़ते हैं और लोगों के दुख से हम काफी विचलित भी होते हैं। इसके बावजूद यह सोचकर चैन की नींद सोते हैं कि आज कुछ अच्छा किया। उन्होंने कहा कि हमें दूसरों की पीड़ा से जुड़ने का कीड़ा लग गया है और सबकी मदद करने में ही हमें आनंद आता है। इस संदर्भ में श्री गुप्ता ने अपनी एक कविता भी सुनाई- ‘बस चढ़ा ही रहा था एक और चादर मजार पर, कि नजर बाहर कांपते फकीर पर पड़ गई।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.