1984 सिख विरोधी दंगा मामले में सज्जन कुमार को राहत, सशर्त मिली जमानत
1984 सिख विरोधी दंगे में आरोपी कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को राहत मिली है। सज्जन कुमार ने कोर्ट से कहा है कि वह जांच में सहयोग करेंगे और बिना अनुमति लिए देश नहीं छोड़ेंगे।
नई दिल्ली [जेएनएन]। 1984 में सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को द्वारका कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने सज्जन कुमार की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली है। कोर्ट ने कुमार पर तीन शर्तें लगाई हैं। वह एक लाख रुपये का बॉन्ड भरेंगे, दूसरा जांच में सहयोग करेंगे और तीसरा देश छोड़कर नहीं जाएंगे।
1984 anti-Sikh riots case: Dwarka Court grants anticipatory bail to senior Congress leader Sajjan Kumar.
— ANI (@ANI_news) December 21, 2016
जमानत के लिए सज्जन कुमार ने कोर्ट से कहा है कि वह जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करेंगे और बिना अनुमति लिए देश नहीं छोड़ेंगे। कोर्ट ने सज्जन कुमार की अपील को स्वीकार करते हुए उन्हें अग्रिम जमानत दे दी है।
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एसआईटी के सामने तीसरे समन में पेश होने से पहले अपनी गिरफ्तारी की आशंका को लेकर सज्जन कुमार ने द्वारका कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी। सज्जन कुमार ने कोर्ट में कहा है कि 32 साल बाद उनका नाम लिया गया है और यह राजनीतिक साजिश है।
दरअसल, SIT ने 1 नवंबर 1984 को जनकपुरी में सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की हत्या और 2 नवंबर 1984 को विकासपुरी में गुरबचन सिंह को जलाने के मामलों की दोबारा जांच शुरू की है। गुरबचन 29 साल तक बिस्तर पर रहे और तीन साल पहले उनकी मौत हुई है। इन मामलों में SIT ने कई गवाहों के बयान भी दर्ज किए हैं।