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DUSU Polls 2018: जीतें या हारें, HC की कार्रवाई के लिए तैयार रहें उम्मीदवार

संगठनों और उनके समर्थकों ने जमकर उम्मीदारों के पर्चे उड़ाए। दीवारों से लेेेेकर जगह-जगह पोस्टर चिपकाकर गंदगी फैलाई गई। हाई कोर्ट समेत डीयू के छात्रों ने भी इस पर नाराजगी जताई है।

By Amit SinghEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 09:18 AM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 09:18 AM (IST)
DUSU Polls 2018: जीतें या हारें, HC की कार्रवाई के लिए तैयार रहें उम्मीदवार
DUSU Polls 2018: जीतें या हारें, HC की कार्रवाई के लिए तैयार रहें उम्मीदवार

नई दिल्ली (जेएनएन)। डूसू चुनाव के लिए बुधवार को मतदान हो चुका है। इस दौरान छात्रों और चुनाव मैदान में उतरे छात्र संगठनों में गजब का उत्साह देखने को मिला। इस उत्साह में उम्मीदवारों ने जमकर नियमों की धज्जियां भी उड़ाई हैं। इसे लेकर अब दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। हाई कोर्ट ने चुनाव के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को गंदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है।

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साथ ही हाई कोर्ट की मुख्य पीठ ने पुलिस, निगम और दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) प्रबंधन से पूछा है कि प्रॉपर्टी को गंदा होने से बचाने के लिए क्या कदम उठाए गए? मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने पुलिस, निगम और डीयू प्रबंधन से कहा है कि वे अपनी रिपोर्ट दाखिल करें जिसमें बताएं कि किसने डिफेसमेंट ऑफ पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के नियमों को तोड़ा है। हाई कोर्ट प्रशांत मनचंदा की याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें अदालत को बताया गया था कि डूसू चुनाव के दौरान उम्मीदवार विश्वविद्यालय की दीवारों को पोस्टर और बैनर लगाकर खराब कर देते हैं।

निर्देशों को दरकिनार कर छात्रों ने उड़ाए पर्चे

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के लिए बुधवार को वोट डाले गए। विद्यार्थी मतदान करने को उत्साहित दिखाई दिए। इस दौरान छात्र संगठनों और उनके समर्थकों ने जमकर उम्मीदारों के पर्चे उड़ाए। दीवारों से लेेेेकर जगह-जगह पोस्टर चिपकाकर गंदगी फैलाई गई। इससे डीयू परिसर की सभी सड़कें पोस्टरों और पंफलेट से पट गईं। हाई कोर्ट समेत डीयू के छात्रों ने भी इस पर नाराजगी जताई है।

चुनाव वाले दिन विद्यार्थी एक दूसरे से चुनाव प्रचार के दौरान छात्र संगठनों द्वारा उनकी तरफ से किए गए वादों के बारे में भी बातें करते नजर आए। ज्यादातर छात्रों ने कहा कि जिस तरह प्रचार के वक्त सभी छात्र संगठनों ने पर्चे उड़ाए, वह गलत था। इससे न सिर्फ गंदगी फैली बल्कि पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंचा। वहीं मतदान वाले दिन भी छात्र जमकर पर्चे उड़ाते रहे। पुलिस एवं चुनाव समिति मूकदर्शक बनी रही।

छात्रा प्रियंका के अनुसार छात्र नेता सोशल मीडिया के जरिये भी प्रचार कर सकते थे, लेकिन हर बार चुनाव प्रचार में पेपर की काफी बर्बादी की जाती है। मैं इसके खिलाफ हूं। मैंने कॉलेज से जुड़े मुद्दों पर वोट डाला। छात्रा नर्मदा के अनुसार मैंने उस छात्र संगठन को वोट दिया, जिसने हमारी परेशानियों को जाना। मुङो लगता है कि संगठनों को प्रचार के दौरान किस तरह जनसंपर्क करना है, इसका प्रशिक्षण भी लेना चाहिए।

दृष्टिहीन एवं दिव्यांग विद्यार्थियों में गुस्सा

दृष्टिहीन विद्यार्थी छात्र संगठनों के तमाम दावों के खिलाफ नजर आए। दृष्टिहीन एवं दिव्यांग विद्यार्थियों ने छात्र संगठनों के घोषणा पत्रों पर सवाल खड़े किए और कहा कि उनकी ओर ध्यान नहीं दिया गया। न ही उनके बारे में विश्वविद्यालय प्रशासन से संगठनों की ओर से कभी बातें रखी गईं।


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