दिवाली के आसपास फिर घुटेगा दिल्ली का दम, आग में घी का काम करेगा पटाखों का धुआं
दिवाली से 20 दिन पहले ही दिल्ली-एनसीआर की हवा बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई है। दिवाली पर अब कम समयावधि में ही सही, पटाखे जलने का रास्ता भी साफ हो गया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिवाली के आसपास दिल्ली का दम तो इस साल भी घुटेगा। दरअसल, इस दौरान मौसम पर्यावरण के अनुकूल नहीं रहेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन में लापरवाही हुई तो पटाखों का धुआं स्थिति को और बिगाड़ देगा। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) भी इस आशंका से इनकार नहीं कर रहा है।
हवा में नमी भी बढ़ती जाएगी
पूर्वानुमान के मुताबिक अगले 15 दिन तक मौसम ऐसा ही रहने वाला है जैसा कि फिलहाल चल रहा है। ठंड बढ़ेगी और तापमान में गिरावट होगी। तापमान में गिरावट के साथ-साथ हवा में नमी भी बढ़ती जाएगी। न्यूनतम तापमान जो अभी 15 से 16 डिग्री सेल्सियस चल रहा है, नवंबर के पहले सप्ताह में और नीचे गिरकर 13 से 14 डिग्री सेल्सियस तक चला जाएगा।
बारिश की कोई संभावना नहीं
बारिश की भी इस दौरान कोई संभावना नहीं है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, हवा की गति पिछले दो दिनों से 8 से 10 किलोमीटर प्रतिघंटे तक की रफ्तार से चल रही है, लेकिन नवंबर के पहले सप्ताह में इसकी गति भी अधिकतम पांच किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होगी। सफर इंडिया के मुताबिक इस स्थिति में प्रदूषण का कम होना संभव नहीं है।
करोड़ों का है कारोबार
दिवाली से 20 दिन पहले ही दिल्ली-एनसीआर की हवा बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई है। दिवाली पर अब कम समयावधि में ही सही, पटाखे जलने का रास्ता भी साफ हो गया है। ऐसी सूरत में वातावरण में प्रदूषण की मोटी परत जमने से कतई इनकार नहीं किया जा सकता। बताया जाता है कि अकेले दिल्ली के बाजारों में ही करोड़ों रुपये के पटाखे पहुंच चुके हैं। थोक बाजार से लेकर फुटकर बाजारों में भी पटाखे बिक रहे हैं और खरीदे भी जा रहे हैं।
आग में घी का काम करेगा पटाखों का धुआं
स्काईमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी डॉ. महेश पलावत कहा कहना है कि दिवाली के आसपास मौसम ऐसा बिल्कुल नहीं रहेगा, जिससे प्रदूषण की स्थिति बेहतर रह सके। ऐसे में पटाखों का धुआं आग में घी का काम करेगा।
दिवाली पर होगी समस्या
ईपीसीए के अध्यक्ष भूरेलाल का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सराहनीय है, लेकिन उस पर ईमानदारी से पालन होना अनिवार्य है। अगर ऐसा हो पाया तो यह सामूहिक और सामुदायिक दिवाली की पहल होगी। हालांकि मौजूदा स्थिति को देखकर ऐसा लगता नहीं है। ऐसे में दिवाली के आसपास समस्या होने के आसार तो नजर आ ही रहे हैं।