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काक्लियर इंप्लांट स्पीच थेरेपी से दूर हुई गूंगे व बहरेपन की समस्या, अब विदेशी क्लाइंटों से करते हैं बात

अभिनंदन जैन बचपन से ही न सुन पाता था और न बोल पाता था। लेकिन काक्लियर इंप्लांट से इसकी गूंगे और बहरेन की समस्या खत्म हो गई। जिससे अब वह सामान्य लोगों की तरह बातचीत करने में सक्षम है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 06:45 AM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 06:45 AM (IST)
काक्लियर इंप्लांट स्पीच थेरेपी से दूर हुई गूंगे व बहरेपन की समस्या, अब विदेशी क्लाइंटों से करते हैं बात
डाक्टर ने इंप्लांट की प्रक्रिया के बारे में बताया।

नई दिल्ली [राहुल चौहान]। अगर कोई बच्चा बचपन से गूंगा और बहरा है तो अब उसकी इस समस्या का समाधान हो सकता है। इसी तरह की समस्या से जूझ रहे पीतमपुरा निवासी अभिनंदन ठीक होकर नौकरी कर रहे हैं। दरअसल अभिनंदन जैन बचपन से ही न सुन पाता था और न बोल पाता था। लेकिन, काक्लियर इंप्लांट से इसकी गूंगे और बहरेन की समस्या खत्म हो गई। जिससे अब वह सामान्य लोगों की तरह बातचीत करने में सक्षम है।

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फिलहाल वह वर्क फ्राम होम करते हुए फोन पर अपनी कंपनी के विदेशी क्लाइंटों से बात भी कर रहा है। अभिनंदन के पिता दिनेश जैन ने कहा कि 1998 में उसका जन्म हुआ था। वर्ष 2000 में हमें उसकी समस्या के बारे में पता चला। इस बीच अभिनंदन के इलाज के दौरान हम एक शिविर में गए, वहां पर स्पीच थेरेपिस्ट आशा अगवाल से मुलाकात हुई। उन्होंने अपने क्लीनिक पर बुलाया और जांच करने के बाद बताया कि अभिनंदन का काक्लियर इंप्लांट हो सकता है। उसके बाद हम अभिनंदन को लेकर गंगाराम अस्पताल के नाक, कान और गला (ईएनटी) विभाग में गए।

वहां पर डाक्टर ने इंप्लांट की प्रक्रिया के बारे में बताया। जैन ने बताया कि इसके बाद भी उनके मन में सर्जरी को लेकर डर था। अपनी संतुष्टि के लिए उन्होंने पहले काक्लियर सर्जरी करा चुके बच्चों का पता लिया और पांच-छह बच्चों के घर जाकर उनके अनुभव पूछे। उसके बाद मैंने अभिनंदन की सर्जरी कराने का फैसला किया। साल 2003 में उसे इंप्लांट लगाया गया। उसके बाद स्पीच थेरेपी शुरू हुई। जिसका इतना फायदा हुआ कि अभिनंदन छह महीने में अच्छी तरह से बोलने और सुनने लगा।

अभिनंदन ने बताया कि मुझे देखकर मेरी कंपनी के लोग भी आश्चर्य करते हैं। लेकिन मैं अपनी जैसी समस्या से ग्रस्त सभी से यह अपील करूंगा कि समय पर इलाज कराएं, यह तकनीक कारगर है। अभिनंदन की छोटी बहन नंदिनी भी इस समस्या से ग्रस्त थी, उसका भी इंप्लांट हुआ है और वह भी पूरी तरह से बोलने और सुनने में सक्षम है। बृहस्तिवार को डीफ एंड डम डे के मौके पर गंगाराम अस्पताल में एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया, जिसकी प्रमुख आयोजनकर्ता नंदिनी ही रहीं।

क्या है काक्लियर इंप्लांट और स्पीच थेरेपी

काक्लियर इंप्लांट एक छोटा, परिष्कृत (जटिल) इलेक्ट्रानिक मेडिकल उपकरण है जो कान से कम सुनाई देने से पीड़ित लोगों की मदद करता है। यह लोगों को गंभीर संवेदी बहरापन या सेंसरीन्यूरल बहरापन की स्थिति में आवाज़ को सुनने में मदद करता है। काक्लियर इंप्लांट में एक बाहरी भाग होता है जो कान के पीछे बैठता है और दूसरा भाग सर्जरी के द्वारा भीतरी या आंतरिक कान में बिठाया जाता है। इस उपकरण के उपयोग की सलाह आमतौर पर तब दी जाती है जब पारंपरिक कान की मशीन से फायदा नहीं होता है। वहीं, बचपन में देर से बोलना और हकलाना स्पीच डिसआर्डर की श्रेणी में आता है। इस समस्या से ग्रस्त लोगों को स्पीच थेरेपिस्ट वोकल एक्सरसाइज सिखाते हैं, ताकि उनकी बोलचाल और अभिव्यक्ति की क्षमता में सुधार हो सके।


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