Save Environment: ग्रामीणों के प्रयास से जोहड़ बन गया मनमोहक पर्यटन स्थल
मदनपुर डबास गांव के हरदीप सिंह ने इस जिम्मेदारी को बखूबी समझते हुए प्रेरक कार्य किए हैं। उन्होंने ग्रामीणों के प्रयास से न केवल वर्षों से बदहाल जोहड़ को नई जिंदगी दी बल्कि उसके चारों ओर हरियाली की चादर विकसित कर एक रमणीय स्थल में परिवर्तित कर दिया।
नई दिल्ली [शिप्रा सुमन]। प्राकृतिक जलस्रोत हमारे जीवन का आधार हैं और इनके महत्व को समझना ही प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। मदनपुर डबास गांव के हरदीप सिंह ने इस जिम्मेदारी को बखूबी समझते हुए प्रेरक कार्य किए हैं। उन्होंने ग्रामीणों के प्रयास से न केवल वर्षों से बदहाल जोहड़ को नई जिंदगी दी बल्कि उसके चारों ओर हरियाली की चादर विकसित कर एक रमणीय स्थल में परिवर्तित कर दिया। दरअसल, गांव का पांच सौ वर्ष पुराना प्राचीन जोहड़ वर्षों से गंदगी और प्रदूषण से घिरा था। कारखानों और काॅलोनियों से निकलने वाला गंदा पानी इसके प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह थी, लेकिन आज इसकी सूरत पूरी तरह से बदल चुकी है। इसे देखकर ऐसा लगता ही नहीं कि यहां कभी कोई गंदगी भी थी। हरदीप सिंह का यह प्रयास वाकई में उनके पर्यावरण प्रेम और जलस्रोतों की रक्षा के लिए समर्पण को दर्शाता है।
प्राचीन विरासत और जलस्रोत की रक्षा
35 वर्षीय हरदीप सिंह ने देखा कि जोहड़ प्रदूषित हो रहा है। वहीं जलस्रोत विलुप्त होने पर है तभी यह ठान लिया कि वह इस प्राचीन विरासत की रक्षा करेंगे। गांव के प्राचीन धरोहर के रूप में इस टीटोड़ा नामक जोहड़ को जिंदा रखना उनका उद्देश्य बन गया। इसलिए उन्होंने इसकी रक्षा करने के साथ साथ इसके जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया। इसमें गांव के बुजुर्गों और युवाओं ने उनका भरपूर सहयोग किया।
जोहड़ के साथ बनाया फव्वारे वाला पार्क
हरदीप सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर तीन-चार वर्षों तक लगातार जोहड़ की सफाई की। इसके बाद इसकी सुरक्षा के लिए चारदीवारी का निर्माण करवाया। इसके बाद पौधे लगाने की बारी आई और यहां अनगिनत पेड़-पौधों से हरियाली बढ़ने लगी। आज यह किसी मनमोहक गार्डन या पर्यटक स्थल से कम नजर नहीं आता। इस कार्य में ग्रामीणों ने मिलकर आर्थिक सहायता की। पार्क में फाउंटेन और फव्वारा भी बनाया गया जो इसकी खूबसूरती में चार-चांद लगाते हैं। यहां प्रतिदिन महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सैर और व्यायाम के लिए आते हैं।
जल संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान
हरदीप सिंह ने जल की हर बूंद की महत्ता को समझाने के लिए जल बचाओ, पर्यावरण बचाओ अभियान की शुरूआत की। इसके तहत समय समय पर जागरूकता रैली निकाली गई। इसके माध्यम से लोगों को समझाया कि जोहड़ में गंदे पानी की निकासी बंद करें। उन्हें जल स्तर में आने वाली कमी के बारे में बताया। हरदीप के इन प्रयासों से आज इस सुंदर और हरियाली से आच्छादित जोहड़ के बीच खुली हवा में सांस लेते हुए स्वच्छ वातावरण को महसूस कर रहे हैं।