तिहाड़ जेल के पास रहने वाले लोग हो रहे हैं परेशान, विधानसभा में उठ चुका है यह मुद्दा
जनकपुरी स्थित भारती कॉलेज से सागरपुर जाने के दौरान तिहाड़ जेल की चारदीवारी के पास जनकपुरी के कई ब्लॉक बसे हैं। जैमर का सबसे अधिक असर इन्हीं ब्लॉकों पर पड़ता है।
नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्रा]। कैदियों को मोबाइल का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से जगह-जगह जैमर लगाए गए हैं। इन जैमर का जेल में असर हो या न हो, लेकिन जेल परिसर के आसपास की कॉलोनी में रहने वाले लोगों पर इसका असर हो रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस परेशानी को दूर करने के लिए जेल प्रशासन को सोचना चाहिए। हाल ही में यह मुद्दा विधानसभा में भी उठाया गया है।
जैमरों की जांच की जाएगी
जेल प्रशासन का कहना है कि समस्या के समाधान के लिए जैमरों की जांच की जाएगी, ताकि जेल के बाहर इसका असर न हो। जनकपुरी स्थित भारती कॉलेज से सागरपुर जाने के दौरान तिहाड़ जेल की चारदीवारी के पास जनकपुरी के कई ब्लॉक बसे हैं। जैमर का सबसे अधिक असर इन्हीं ब्लॉकों पर पड़ता है।
बढ़ गई है परेशानी
सी-6बी के निवासी राकेश और राजीव बताते हैं कि हमारे यहां नेटवर्क बड़ी समस्या है। हम लोग कई बार जरूरत पड़ने पर भी लोगों से बात नहीं कर पाते हैं। सी-6 ए में रहने वाले अजय बताते हैं कि घर के अंदर फोन का नेटवर्क काम नहीं करता है। कई बार जब बात काफी जरूरी हो तो हम लोगों को रात हो या दिन घर से आधा किलोमीटर दूर तक जाना पड़ता है।
हमेशा नहीं होती है समस्या
लोगों ने बताया कि यह समस्या सी-5 सी, सी- 5 डी, सी- 5 ए, सी-6 बी, सी- 4बी, सी- 4डी में आए दिन परेशानी का कारण बनती है। लोगों का कहना है कि यह समस्या हमेशा नहीं होती है, लेकिन यह समस्या जब आती है तो कई दिन तक कायम रहती है। यदि नहीं हो तो कई दिन तक नेटवर्क की समस्या नहीं रहती है। स्थानीय लोग बताते हैं कि शायद इसकी वजह जैमर की सीमा को कम या बढ़ाना हो सकता है।
महिलाओं को अधिक परेशानी
लोगों का कहना है कि नेटवर्क नहीं होने की दिक्कत सबसे अधिक महिलाओं को परेशान करती है। खासकर, ऐसी महिलाएं जो अपने बच्चों को स्कूल बस तक छोड़ने व उन्हें वापस लेने बस स्टैंड तक जाती हैं। जेल के पास पहुंचते ही नेटवर्क काम नहीं करता है। कई बार जब इस जगह पर महिलाओं को किसी से बात करने की जरूरत होती है तो वे बेबस हो जाती हैं।