स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर डीयू शिक्षकों ने की भूख हड़ताल
दिल्ली विश्वविद्यालय में काफी समय से लटकी नियुक्ति प्रक्रिया को शुरू करने और तदर्थ शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति की मांग पर शिक्षकों ने मंगलवार को भूख हड़ताल की।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय में काफी समय से लटकी नियुक्ति प्रक्रिया को शुरू करने और तदर्थ शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति की मांग पर शिक्षकों ने मंगलवार को भूख हड़ताल की। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के आह्वान पर कुलपति कार्यालय के बाहर एकत्र हुए डीयू शिक्षकों को विभिन्न शिक्षक संगठनों का समर्थन मिला।
डूटा अध्यक्ष डॉ. नंदिता नारायण ने कहा कि विश्वविद्यालय में करीब एक साल से स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया लटकी हुई है। इससे कॉलेजों में तदर्थ शिक्षकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। विश्वविद्यालय में स्थायी नियुक्ति प्रक्रिया का शुरू होना जरूरी है। रोस्टर सिस्टम का पालन भी जरूरी है।
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नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) के अध्यक्ष डॉ. एके भागी ने कहा कि वह लगातार मांग करते आ रहे हैं कि नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू हो। विश्वविद्यालय ऐसी नीति तैयार करे, जिससे कि कोई भी पद छह माह से अधिक रिक्त न रहे।
एकेडमिक्स फॉर एक्शन एंड डेवलपमेंट (एएडी) के अध्यक्ष डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि तदर्थ शिक्षकों के साथ अन्याय हो रहा है। इसलिए ऐसी नीति अपनाई जाए, जिससे उनकी स्थायी नियुक्ति संभव हो। विद्वत परिषद के सदस्य प्रो. हंसराज सुमन ने कहा कि रोस्टर यानी आरक्षण नीति का भी पालन गंभीरता से हो। नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने से पहले नए सिरे से रोस्टर निर्धारित का उसे विज्ञापित किया जाए ताकि आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के साथ अन्याय न हो। प्रो. सुमन ने पूर्व में रिक्त आरक्षित श्रेणी के पदों को भरने के लिए भी जेएनयू की तरह ही विशेष नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग की।