Move to Jagran APP

Delhi Violence: दिल्ली दंगा मामले में डीयू के नामी प्रोफेसर अपूर्वानंद से पूछताछ

Delhi Violence पूछताछ के बाद प्रोफेसर अपूर्वानंद ने कहा मैं जांच में सहयोग कर रहा हूं। विरोध प्रदर्शन करना सभी का मौलिक अधिकार है।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 12:34 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 12:41 PM (IST)
Delhi Violence: दिल्ली दंगा मामले में डीयू के नामी प्रोफेसर अपूर्वानंद से पूछताछ
Delhi Violence: दिल्ली दंगा मामले में डीयू के नामी प्रोफेसर अपूर्वानंद से पूछताछ

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे की साजिश के पहलू से जांच कर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद (DU professor Apoorvanand) से पांच घंटे पूछताछ की। स्पेशल सेल ने जांच के लिए उनका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया है। पूछताछ के बाद प्रोफेसर अपूर्वानंद ने कहा ''मैं जांच में सहयोग कर रहा हूं। विरोध प्रदर्शन करना सभी का मौलिक अधिकार है। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों का समर्थन करने वालों को दंगे स्रोत बताना चिंताजनक है।''

loksabha election banner

प्रोफेसर अपूर्वानंद ने बताया कि सोमवार को दिल्ली पुलिस ने दिल्ली दंगे के संबंध में दर्ज एक प्राथमिकी की जांच के संबंध में हाजिर होने के लिए कहा था। जांच के बाद दंगों के लिए उकसाने में शामिल 17 से अधिक लोगों को स्पेशल सेल गिरफ्तार कर चुकी है।

अंकित शर्मा हत्या मामले में आरोपित की जमानत याचिका खारिज

उत्तर-पूर्वी जिले में हुए सांप्रदायिक दंगे में आइबी कांस्टेबल अंकित शर्मा की हत्या मामले में गिरफ्तार आरोपित शोएब आलम की जमानत याचिका मंगलवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने खारिज कर दी। याचिका खारिज करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने कहा कि आरोपित और अन्य को सांप्रदायिक आधार पर दूसरे समुदाय के लोग पर हमला करने के लिए आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन द्वारा उकसाया गया था। कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट था कि आरोपित गैरकानूनी गतिविधि का हिस्सा थे, जिसमें शर्मा की बेरहमी से पिटाई की गई जो उसकी मौत के कारण में से एक था।

कोर्ट ने कहा कि कई गवाहों के बयानों से यह स्पष्ट है कि आरोपित आलम व अन्य कई लोग सांप्रदायिक आधार पर ताहिर हुसैन द्वारा उकसाने पर दूसरे समुदाय के लोग पर हमला करने में शामिल हुए थे। वहीं, सरकारी वकील ने कहा कि मुख्य आरोपित हुसैन के कहने पर भीड़ ने शर्मा की हत्या कर दी थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले के गवाह उसी इलाके के निवासी हैं। अगर जमानत मिलती है तो आलम उन्हें धमकी दे सकता है या सबूत देने से रोकने के लिए धमका सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.