दिव्यांगों के लिए सुरक्षित नहीं हैं डीयू के फुटपाथ, नहीं निकल रहा समाधान
दृष्टिबाधित छात्र मुकेश ने बताया कि यहां के फुटपाथ पर हमारी स्टिक काम नही करती है क्योंकि यहां कई जगहों पर फुटपाथ टूटा हुआ है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली विश्वविद्यालय देश का पहला केंद्रीय विश्वविद्यालय है जहां पर बड़ी संख्या में दिव्यांग छात्र पढ़ते हैं। यहां पढ़ने की एक बड़ी वजह यहां पर दी जाने वाली बेहतरीन सुविधाएं है। यहां के कई कॉलेज दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधा प्रदान करते हैं लेकिन नॉर्थ कैंपस की सड़कें, फुटपाथ दिव्यांगों के लिए सुरक्षित नहीं हैं।
डीयू के छात्रा मार्ग पर दिव्यांग जैसे ही मेट्रो से उतर कर आगे बढ़ता है, बेतरतीब ई-रिक्शा वालों का सामना उन्हें करना पड़ता है। इसके बाद फुटपाथ पर लगी दुकानें इनकी मुसीबत और बढ़ा देती हैं। छात्रा मार्ग या गुरु तेग बहादुर मार्ग पर कई जगहों पर फुटपाथ पर लगी पीली पट्टी या तो टूट गई है या वहां पर कूड़ेदान हैं या फिर पेड़। यही नहीं कई बार तो वहां रेहड़ी पटरी वाले दुकान लगाकर बैठ जाते हैं दृष्टिबाधित छात्रों को इससे काफी परेशानी होती है।
दृष्टिबाधित छात्र मुकेश ने बताया कि यहां के फुटपाथ पर हमारी स्टिक काम नही करती है क्योंकि यहां कई जगहों पर फुटपाथ टूटा हुआ है। यदि हम मेट्रो से आते हैं तो छात्रा मार्ग पर फास्ट फूड, जूस कॉर्नर सहित कई दुकानें फुटपाथ के ऊपर हैं इसलिए हम वहां से नहीं जा पाते है।
उधर, समान अवसर प्रकोष्ठ के विशेष कार्य अधिकारी डॉ. बिपिन तिवारी का कहना है कि विश्वविद्यालय दिव्यांग छात्रों को सुविधा देने के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध है लेकिन कैंपस के बाहर उनको बेहतर फुटपाथ, अतिक्रमण से होने वाली परेशानियों को लेकर सरकारी एजेंसियों को कई बार पत्र लिखा जा चुका है लेकिन अब तक उसका कोई समाधान नहीं निकला है। आए दिन दृष्टिबाधित छात्रों की समस्याएं हमारे पास आती हैं।
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