दिल्ली-NCR के वाहन चालकों से जुड़ी बड़ी खबर, जल्द बनवा लें पीयूसी प्रमाणपत्र; वरना कटेगा चालान
अगस्त में पीयूसी प्रमाण पत्र बनवाने वालों की संख्या एकाएक सात लाख से भी ऊपर पहुंच गई है जोकि जुलाई से करीब 3 लाख अधिक है।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं और अपने वाहन राष्ट्रीय राजधानी में भी चलाते हैं, तो यह खबर आपके बेहद काम की है। दरअसल, पीयूसी प्रमाण पत्र बिना वाहन चलाने वालों पर सख्ती हो रही है। यही वजह है कि बगैर पीयूसी (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) प्रमाण पत्र वाले वाहनों पर दिल्ली परिवहन विभाग की सख्ती का असर साफ दिखाई दे रहा है। अब पीयूसी सेंटरों पर प्रमाण पत्र बनवाने वालों की भीड़ बढ़ रही है। अगस्त में पीयूसी प्रमाण पत्र बनवाने वालों की संख्या एकाएक सात लाख से भी ऊपर पहुंच गई है, जोकि जुलाई से करीब 3 लाख अधिक है। बगैर पीयूसी प्रमाणपत्र के पकड़े जाने पर चालान की जुर्माना राशि अब 10 हजार रुपये है। 2020 में 5 लाख 18 हजार 948, जबकि जुलाई में 4 लाख 4 हजार 570 पीयूसी ही बने थे।
अगस्त महीने में बने 7 लाख पीयूसी
इसके बाद मुख्य सचिव विजय देव के आदेश पर परिवहन विभाग ने 11 अगस्त से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ अभियान शुरू किया तो पीयूसी प्रमाण पत्र बनवाने वालों की संख्या में एकाएक उछाल आ गया। एक से 31 अगस्त तक 7 लाख 40 हजार 698 पीयूसी बने हैं। इसमें सबसे अधिक 25 अगस्त को 37309 बने हैं। अगस्त में बने कुल बने पीयूसी में पेट्रोल के वाहनों की संख्या सबसे अधिक है। अगस्त में पेट्रोल के 5 लाख, 78 हजार 170 वाहनों के पीयूसी बने हैं।
दोपहिया वाहन चालक ज्यादा बनवा रहे पीयूसी
बताया जा रहा है कि डीजल के वाहनों के 45 हजार 421, सीएनजी के वाहनों के पीयूसी 1 लाख 16 हजार, 724 पीयूसी बने हैं। इसके अलावा 383 पीयूसी एलपीजी के वाहनों के बने हैं। पेट्रोल के अधिक वाहनों के पीयूसी के पीछे का कारण यह माना जा रहा है कि अब दो पहिया व कार चालक वाले अधिक पीयूसी बनवा रहे हैं। दिल्ली में इस समय करीब 1 करोड़ 10 लाख वाहन पंजीकृत हैं। इसमें से 70 लाख के करीब दो पहिया वाहन पंजीकृत हैं।
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