MPD 2041: ड्राफ्ट की खामियों ने बढ़ाया इंतजार, दिल्ली के LG ने कहा पिछले मास्टर प्लानों से राजधानी हुई और गंदी
MPD 2041मास्टर प्लान 2041 के मौजूदा ड्राफ्ट को पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में डीडीए की बोर्ड बैठक में मंजूरी दे दी गई थी। नौ जून 2021 को इसका ड्राफ्ट जारी कर लोगों से आपत्तियां और सुझाव भी मांगे गए थे।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली के अगले 20 सालों का मास्टर प्लान- 2041 मिलने में हो रही देरी की प्रमुख वजह इसके ड्राफ्ट की वही खामियां हैं, जो पहले भी की जाती रही हैं। ऐसी खामियां, जिनसे देश की राजधानी की सूरत संवरने की बजाए और बिगड़ती गई। भविष्य में भी इसकी पुनरावृत्ति ना हो, इसीलिए इसके ड्राफ्ट में दिए गए विभिन्न प्रविधानों में बदलाव किया जा रहा है।
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी एमपीडी 2041 की अधिसूचना में हो रही देरी पर खासी आपत्ति जताई। यहां तक कहा कि 2041 का मास्टर प्लान अधर में नहीं छोड़ा जा सकता। साथ ही ये उम्मीद भी जताई कि फाइनल मास्टर प्लान अगले साल 30 अप्रैल या उससे पहले जारी कर दिया जाएगा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने यह बात एडिशिनल सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी द्वारा एमपीडी -2041 की अंतिम मंजूरी और अधिसूचना के लिए कट-आफ तारीखें दिए जाने के बाद कही।
भाटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मास्टर प्लान -2041 दिसंबर 2022 के पहले सप्ताह में डीडीए की बोर्ड बैठक में रखा जाएगा और इसके ड्राफ्ट में कोई भी संशोधन दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक किया जाएगा। इसके बाद 15 जनवरी 2023 तक इसे अंतिम मंजूरी और अधिसूचना के लिए आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को भेज दिया जाएगा। अप्रैल 2023 तक यह अस्तित्व में आ जाना चाहिए।
नए उपराज्यपाल ने पकड़ी खामियां
डीडीए सूत्रों का कहना है कि एमपीडी 2041 के फाइनल होने में हो रही देरी की वजह दिल्ली के नए उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा इसके ड्राफ्ट में किए गए कुछ प्रावधानों में बदलाव करने की संस्तुति रही। उनका मानना है कि बीते कुछ दशकों में जिन नीतियों को लागू किया गया है, उनसे दिल्ली में गंदगी बढ़ी एवं झुग्गी बस्तियों के साथ साथ अनधिकृत कालोनियों की संख्या में भी वृद्धि होती रही।
इसीलिए वह चाहते हैं कि इस बार ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिनसे शहर को साफ सुथरा करने में मदद मिले। झुग्गी वालों के जीवन स्तर में सुधार हो सके। साथ ही जो भी सुविधाएं विकसित की जानी हैं, वे योजनाबद्ध तरीके से हों।
पूर्व उपराज्यपाल ने दे दी थी मंजूरी
मास्टर प्लान 2041 के मौजूदा ड्राफ्ट को पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में डीडीए की बोर्ड बैठक में मंजूरी दे दी गई थी। नौ जून 2021 को इसका ड्राफ्ट जारी कर लोगों से आपत्तियां और सुझाव भी मांगे गए थे। 75 दिनों के अंतराल पर डीडीए को इस ड्राफ्ट मास्टर प्लान पर 33 हजार से अधिक आपत्तियां और सुझाव मिले।
सभी आपत्तियों एवं सुझावों को डीडीए उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में जनसुनवाई के जरिये सुना गया। अक्टूबर- नवंबर 2021 में इसके लिए 14 बैठकें हुई। सभी बैठकों में विभिन्न लोगों, सिविल सोसायटियों, एनजीओ, आरडब्ल्यूए, मार्केट एसोसिएशनों, फेडरेशन, प्रोफेशनल, सरकारी एजेंसियों, राजनीतिक प्रतिनिधियों आदि के आपत्तियों एवं सुझावों को लेकर इस ड्राफ्ट में बदलाव किए गए।
सक्सेना के निर्देशन में लगातार चल रहा काम
उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देशन में एमपीडी 2041 को अधिक व्यावहारिक बनाने के लिए लगातार काम चल रहा है। राजनिवास सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में ढेरों बैठकें हो चुकी हैं। विशेषज्ञों की सलाह के साथ हर खामी को दुरूस्त किया जा रहा है और ड्राफ्ट में ऐसे प्रविधान शामिल किए जा रहे हैं, जिनसे दिल्ली का स्वरूप बेहतर हो सके।
1962 में बना था पहला मास्टर प्लान
राजधानी का पहला मास्टर प्लान सन 1962 में बना था। इसके बाद 2001 और 2021 के मास्टर प्लान बने। मास्टर प्लान अगले 20 सालों को ध्यान में रखकर दिल्ली के विकास का खाका होता है। ड्राफ्ट मास्टर प्लान में नाइट लाइट, वायु प्रदूषण, दिल्ली के विकास आदि को लेकर कई बातें शामिल की गई हैं