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दूसरों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं डॉ. ऋतु सक्सेना, पढ़िए कोरोना वायरस के दौरान कैसे की कोरोना मरीजों की सेवा

राजधानी में फिर कोरोना संक्रमण ने गति पकड़ ली है। इससे उन लोगों की जिम्मेदारी फिर से बढ़ गई है जिनके ऊपर अस्पतालों की आपातकालीन सेवाओं का दारोमदार है। इन्हीं में से एक हैं लोकनायक अस्पताल में आपातकालीन विभाग की प्रमुख डा. ऋतु सक्सेना।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 01:42 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 05:26 PM (IST)
दूसरों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं डॉ. ऋतु सक्सेना, पढ़िए कोरोना वायरस के दौरान कैसे की कोरोना मरीजों की सेवा
लोकनायक अस्पताल के कोरोना वार्ड में मरीज का हालचाल लेतीं डाक्टर ऋतु सक्सेना ’ सौ.स्वयं

नई दिल्ली, [राहुल चौहान]। राजधानी में फिर कोरोना संक्रमण ने गति पकड़ ली है। इससे उन लोगों की जिम्मेदारी फिर से बढ़ गई है जिनके ऊपर अस्पतालों की आपातकालीन सेवाओं का दारोमदार है। इन्हीं में से एक हैं लोकनायक अस्पताल में आपातकालीन विभाग की प्रमुख डा. ऋतु सक्सेना। पिछले साल वह कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में ऐसे जुटीं कि तीन माह तक अपने घर भी नहीं गईं।

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बातचीत में डा. ऋतु बताती हैं कि पिछले साल 17 मार्च को उनके अस्पताल में कोरोना वायरस का पहला मरीज भर्ती हुआ। नर्स सहित सभी स्वास्थ्यकर्मियों में इस बीमारी को लेकर डर था। हाल यह था कि स्टाफ के लोग कोरोना वायरस से ग्रस्त मरीज के पास जाने में भी डर रहे थे, लेकिन जब उन्होंने आगे बढ़कर अन्य डाक्टरों के साथ इलाज शुरू किया तो स्टाफ के लोगों को भी हिम्मत मिली।

डा. ऋतु पिछले साल लगातार कई हफ्तों तक स्वजन से मिले बिना कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में जुटी रहीं। उनके नेतृत्व में अस्पताल के आपातकालीन विभाग में 15 हजार से अधिक कोरोना पीड़ित और संदिग्ध मरीजों का इलाज किया गया। अप्रैल से लेकर जून तक तो ऐसा समय भी आया जब कई दिन तक उन्हें सोने के लिए भी समय नहीं मिलता था।
डा. ऋतु अप्रैल से लेकर जून तक अपने घर भी नहीं गईं। इस दौरान कोरोना के मरीजों का सबसे अधिक दबाव था। दिल्ली सरकार ने पिछले साल मार्च के अंत में ही लोकनायक को कोविड अस्पताल घोषित कर दिया था।
डा. ऋतु ने बताया कि जुलाई के पहले सप्ताह में वे घर के बाहर अपने पालतू श्वान के साथ खेलने के दौरान गिर गई थीं, जिससे उन्हें चोट लग गई थी, लेकिन अस्पताल की जिम्मेदारियों के चलते छुट्टी नहीं ले सकीं। हालांकि जुलाई में वे अपनी मां के घर गईं जहां वे अपने अन्य स्वजन से मिलीं। अब एक बार फिर लोकनायक अस्पताल में कोरोना मरीजों का दबाव बढ़ रहा है तो डा. ऋतु फिर से अग्रिम मोर्चे पर तैनात होकर अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं।
डा. ऋतु ने बताया कि दो दिन से अस्पताल में प्रतिदिन करीब 70 कोरोना वायरस के मरीज भर्ती हो रहे हैं। फिलहाल, अस्पताल में करीब 400 कोरोना वायरस से ग्रस्त मरीज भर्ती हैं। इनमें से दो यूके स्ट्रेन के हैं। वहीं, करीब 140 मरीज आइसीयू में हैं।

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