Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आखिर डासना जेल में नुपूर तलवार ने ऐसा क्‍या कहा कि भावुक हो उठीं महिला कैदी

    By Ramesh MishraEdited By:
    Updated: Sun, 15 Oct 2017 09:45 AM (IST)

    इस भावुक सवाल पर वह बिना कहे यह कह गईं की कभी अलविदा न कहना। उन्‍होंने महिला कैदियों व बच्‍चों से वादा किया कि वह उनसे मिलते आती रहेंगी और उनके लिए समान भी लाती रहेंगी।

    आखिर डासना जेल में नुपूर तलवार ने ऐसा क्‍या कहा कि भावुक हो उठीं महिला कैदी

    गाजियाबाद [ आशुतोष गुप्ता ] । इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला सुनते ही आरुषि-हेमराज हत्याकांड में सजा काट रहे तलवार दंपती के आंखों में खुशी की लहर दौड़ गई। यहां बिताए पलों में वह खो गए। तलवार दंपती ने अपना एक-एक समान दान में दे दिया। लेकिन जब नुपूर अपने वस्‍त्रों का दान कर रही थी तब महिला कैदियों ने एक सवाल किया, मेडम अब कब आएंगी। इस भावुक सवाल पर वह बिना कहे यह कह गईं की कभी अलविदा न कहना। उन्‍होंने महिला कैदियों व बच्‍चों से वादा किया कि वह उनसे मिलते आती रहेंगी और उनके लिए समान भी लाती रहेंगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    डा. नुपूर तलवार ने करीब चार वर्षों की कैद के दौरान जेल में जुटाई गईं सभी चीजें जेल व बंदियों को दान कर दी। उनकी इस दरियादिली पर बंदियों ने भी खुशी का इजहार किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

    शुक्रवार को रिहाई की उम्मीद संजोए डा. नूपुर ने चिकित्सा संबंधी व अन्य काम नहीं किए। वह शुक्रवार दिन भर अपने सामान की पैकिंग में लगी रहीं। जबकि, डा. राजेश ने आम दिनों से अधिक बंदियों का उपचार किया।

    शुक्रवार सुबह उठने के बाद नूपुर तलवार ने अधिकांश समय पूजा, साथी बंदियों से बातचीत व अपने सामान की पैकिंग में बिताया। उधर, डा. राजेश अपने निर्धारित समय सुबह 10 बजे डेंटल केयर पर आकर बैठ गए थे।

    उनके जाने की सूचना पर शुक्रवार को आम दिनों की अपेक्षा अधिक संख्या में बंदी चेकअप के लिए पहुंचे। डा. राजेश ने 36 मरीजों का उपचार किया। तलवार दंपति ने करीब 15 लाख रुपये खर्च कर जेल में डेंटल केयर सेंटर बनाया था।

    इसमें वह प्रतिदिन अपने खर्च से बंदियों का उपचार करते थे। शुक्रवार को उन्होंने जेल प्रशासन से बात कर महंगी डेंटल चेयर के साथ अन्य सभी मेडिकल उपकरण जेल को दान कर दिए। करीब चार साल की अवधि में डा. नूपुर ने जेल में परिजनों से 113 अंग्रेजी के नॉवल मंगाए थे।

    यह नॉवल भी उन्होंने जेल की लाइब्रेरी को दान कर दिए। इसके साथ ही डा. नूपुर ने अपने करीब दो दर्जन से अधिक कपड़े भी अपनी बैरक में बंद महिला बंदियों को दान कर दिए। डा. राजेश के पास अधिक कपड़े नहीं थे, वह उन्होंने अपने कपड़े बैग में पैक कर लिए।

    बच्चों से डा. नूपुर ने किया मिलने आने का वादा

    डा. नूपुर तलवार ने शुक्रवार को महिला बैरक में बंद बच्चों से वादा किया कि वह जल्द उनसे मिलने के लिए जेल में आएंगी और उनके लिए कपड़े, किताबे व अन्य सामान लाएंगी। जेल में करीब 33 बच्चें अपनी मां के साथ रहे रहे हैं। महिलाओं को कपड़े दान करते हुए उनके बच्चों ने भी नूपुर से कपड़े मांगे थे। इस पर उन्होंने बच्चों से जल्द ही कपड़े लाने का वादा किया।

    दिन भर जेल प्रशासन से लेते रहे जानकारी

    फैसला आने के बाद बाहर निकलने के बेताब तलवार दंपति दिन भी फैसले की सर्टिफाइड कॉपी आने का इंतजार करते रहे। वह बार-बार जेल प्रशासन से सर्टिफाइड कॉपी आने के बारे में पूछते रहे। जेल प्रशासन ने उन्हें बताया कि सर्टिफाइड कॉपी आते ही उन्हें रिहा कर दिया जाएगा।

    बृहस्पतिवार रात नहीं खाया खाना

    तलवार दंपति ने बृहस्पतिवार को फैसला आने के बाद बृहस्पतिवार रात का खाना नहीं खाया। वह रात में भी देरी से सोए और बैरक में बंद अन्य बंदियों से बातचीत करते रहे। शुक्रवार सुबह रिहाई की उम्मीद में वह जल्दी उठ गए। दैनिक दिनचर्या के बाद उन्होंने योगा व व्यायाम किया और पूजा में बैठ गए।

    इसके बाद उन्होंने नाश्ते में चाय व पाव खाया। डा. नूपुर अपनी बैरक में चली गईं और डा. राजेश क्लीनिक पर जाकर बैठ गए। दोपहर को उन्होंने लाइन में लगकर खाना लिया। खाने में दोपहर को उन्होंने दाल, सब्जी, रोटी व चावल खाए।

    तलवार दंपति के जाने के बाद भी गुलजार रहेगा डेंटल केयर

    तलवार दंपति के जेल से जाने के बाद भी जेल में बना उनका डेंटल केयर सेंटर गुलजार रहेगा और इसका लाभ बंदियों को मिलता रहेगा। जेल अस्पताल के सीएमएस डा. सुनील त्यागी ने बताया कि तलवार दंपति ने जेल प्रशासन से वादा किया है कि वह हर 15वें दिन जेल अस्पताल में विजिट करेंगे और बंदियों का चैकअप करेंगे।

    इसके साथ ही मुरादनगर स्थित आईटीएस डेंटल कॉलेज के डॉक्टर भी सप्ताह में दो बार डेंटल केयर की विजिट करेंगे। जो लोग आईटीएस के डॉक्टरों से उपचार कराना चाहते हैं वह उनसे इलाज करा सकते हैं और जो बंदी तलवार दंपति से उपचार कराने के इच्छुक होंगे उनकी सूची तैयार की जाएगी। इसके बाद डा. नूपुर व डा. राजेश तलवार की विजिट के दिन उनसे उपचार कराया जाएगा।