Move to Jagran APP

दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में फरिश्ता बन पहुंचता है यह डॉक्टर, अस्पतालों में देते हैं नि:शुल्क सेवा

Good News डॉ. मोहिब हमीदी ने बताया कि कुछ लोग कहते हैं कि आप मुस्लिम होकर आरएसएस के अस्पताल में फ्री सेवा करते हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 09:29 AM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 09:35 AM (IST)
दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में फरिश्ता बन पहुंचता है यह डॉक्टर, अस्पतालों में देते हैं नि:शुल्क सेवा
दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में फरिश्ता बन पहुंचता है यह डॉक्टर, अस्पतालों में देते हैं नि:शुल्क सेवा

नोएडा, मनोज त्यागी। Good News: जिन दुर्गम पहाड़ियों पर लोग ठीक से चल नहीं पाते हैं, जहां सरकारी अस्पताल की व्यवस्था तो दूर, इलाज तक की कोई सुविधा नहीं है, वहां डॉ. मोहिब हमीदी पहुंचते हैं। अब तक डेढ़ हजार नि:शुल्क ऑपरेशन कर चुके हैं। दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में समय पर इलाज मुहैया न होने पर लोग असमय ही काल के गाल में समा जाते हैं। पहाड़ पर रहने वाले लोगों की इस दुश्वारी के बारे में जब डॉ. हमीदी को पता लगा, तो उन्होंने तय किया कि वह उन स्थानों पर जाकर लोगों की सेवा करेंगे। बीते ढाई वर्ष में अब तक डॉ. हमीदी 500 से अधिक बड़े ऑपरेशन और एक हजार से अधिक छोटे ऑपरेशन कर चुके हैं, बिना कोई शुल्क लिए।

loksabha election banner

बदरीनाथ के पास पीपल कोटी, केदारनाथ के पास नारायण कोटी और यमनोत्री के पास बड़कट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा अस्पताल संचालित किया जाता है। डॉक्टर हमीदी इनसे भी जुड़े हैं और निश्शुल्क सेवाएं देते आए हैं। अपनी इस यात्रा के बारे में बताते हैं, यथार्थ अस्पताल के मालिक डॉ. कपिल त्यागी भी ऐसे ही सेवाकार्य से जुड़े हुए हैं। आरएसएस द्वारा संचालित स्वामी विवेकानंद धर्मार्थ चिकित्सालय में नि:शुल्क सेवा देते आ रहे डॉ. कपिल ने इस मिशन के बारे में बताया और इस तरह वे इस कार्य से जुड़ गए। कहते हैं, देश ने मुझे बहुत दिया है, अब मेरी बारी है। मानवता की सेवा ही चिकित्सक का धर्म है, मैं इसे निभा रहा हूं।

पिछले ढाई वर्ष से प्रत्येक माह डॉ. हमीदी दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र पर चिकित्सा शिविर लगाते हैं। मुजफ्फरपुर, बिहार निवासी डॉ. हमीदी बताते हैं कि उन्हें पहाड़ी क्षेत्र आने-जाने में करीब 37 घंटे का समय लगता है। जब वह अस्पताल पहुंचते हैं, तो तुरंत अपने काम में लग जाते हैं। वह प्रतिमाह तीन दिन वहां रहकर मरीजों की सेवा करते हैं। महीने भर में जितने मरीज ऑपरेशन के लिए तैयार होते हैं, वह उन सभी का इलाज करते हैं। आज तक वहां किए गए ऑपरेशन में एक भी मरीज का केस नहीं बिगड़ा।

डॉ. मोहिब हमीदी ने बताया कि कुछ लोग कहते हैं कि आप मुस्लिम होकर आरएसएस के अस्पताल में फ्री सेवा करते हैं। इन सब बातों का मुझ पर कोई असर नहीं पड़ता है। जिस तरह से दुर्गम पर्वतीय इलाकों में संघ ने अस्पताल बनाए हैं, जहां उपचार और ऑपरेशन की अत्याधुनिक सुविधाएं हैं, यह अपने में बड़ी बात है। मैं इस सेवाकार्य से जुड़ा हूं, यह मेरा सौभाग्य है। मानव सेवा सबसे बड़ा धर्म है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.