दिल्ली कांग्रेस में जबरदस्त गुटबाजी, पार्टी में कई नियुक्तियां; शीला दीक्षित को खबर तक नहीं
पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाले अभी एक पखवाड़ा भी नहीं हुआ है कि गुटबाजी ख्त्म करने के नाम पर भी गुटबाजी का एक नया नमूना सामने आ गया है।
नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाले अभी एक पखवाड़ा भी नहीं हुआ है कि गुटबाजी का एक नया नमूना सामने आ गया है। प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रकोष्ठ प्रभारी को भरोसे में लिए बगैर पहले तो 'अपनों' को सेट करने के नाम पर चार प्रकोष्ठ अध्यक्ष नियुक्त कर दिए गए और जब प्रदेश नेतृत्व की नाराजगी सामने आई व विवाद बढ़ने की भी आशंका महसूस हुई तो इनके नियुक्ति पत्र ही रोक दिए गए। अब इस पूरे मामले को दबाया जा रहा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस ने मंगलवार को डॉक्टर सेल, कॉरपोरेट सेल, ग्रीवांस सेल और मीडिया सेल के नए अध्यक्ष नियुक्त कर दिए।
डॉक्टर सेल का अध्यक्ष डॉ. शर्मा को, कॉरपोरेट सेल का अध्यक्ष पूर्व पार्षद रोहित मनचंदा को, ग्रीवांस सेल का अध्यक्ष पूर्व मंत्री डॉ. योगानंद शास्त्री की बेटी प्रियंका सिंह को एवं मीडिया सेल का अध्यक्ष पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बृजमोहन के बेटे विजय मोहन को नियुक्त कर दिया गया।
विडंबना यह कि इनकी नियुक्ति के लिए न तो प्रकोष्ठ प्रभारी व प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया से चर्चा की गई और न ही इनके नियुक्ति पत्र पर शीला के हस्ताक्षर कराए गए। जब यह सूचना शीला तक पहुंची तो उन्होंने भी नाराजगी जताई और लिलोठिया ने भी पूरे प्रकरण से अनभिज्ञता जताई।
टपूरे प्रकरण में पेच यह भी सामने आ रहा है कि कॉरपोरेट और डॉक्टर सेल जहां प्रदेश का हिस्सा ही नहीं हैं, वहीं प्रोफेशनल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी शशि थरूर ने दिल्ली की जिम्मेदारी योगेश सचदेवा को दी हुई है। चूंकि प्रोफेशनल कांग्रेस में ही डॉक्टर भी आते हैं और कॉरपोरेट जगत भी इसी में शामिल हैं। इसलिए प्रदेश स्तर पर अलग से सेल बनाना औचित्य ही नहीं है। वहीं प्रदेश मीडिया सेल की अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी हैं। इसी तरह ग्रीवांस सेल भी पहली बार बनाया गया है।
सूत्रों के मुताबिक अब स्थिति यह है कि उक्त प्रकोष्ठों के नवनियुक्त अध्यक्ष जहां बधाई स्वीकार कर रहे हैं वहीं मौजूदा अध्यक्ष भी खुद के पद पर बने रहने का दावा कर रहे हैं। आलम यह कि अब किसी भी तरह के विवाद या गुटबाजी को बढ़ावा न देने के लिए इस पूरे प्रकरण को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि इस विवाद से जुड़े मैसेज बुधवार को प्रदेश कांग्रेस के विभिन्न वाटसएप ग्रुपों पर भी चलते रहे।
शर्मिष्ठा मुखर्जी (मुख्य प्रवक्ता, प्रदेश कांग्रेस) की मानें तो मीडिया सेल की अध्यक्ष मैं ही हूं और इस संबंध में किसी बदलाव की मुझे कोई जानकारी नहीं दी गई है।
राजेश लिलोठिया (प्रकोष्ठ प्रभारी एवं प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष) का कहना है कि चार नए प्रकोष्ठ अध्यक्ष बनाने को लेकर मेरी जानकारी में कोई सूचना नहीं है।
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