Delhi: आग से उजागर हुई रात में कचरा जलाने की करतूत, फैक्ट्री को बंद करने का नोटिस
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने सूबे की आबोहवा को प्रदूषित होने से बचाने की दिशा में आंखों में धूल झोंकने का अपनी ही तरह का एक नया मामला पकड़ा है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली की आबोहवा को प्रदूषण से बचाने के लिए गश्त कर रही दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की रात्रि गश्त टीम से बचने के लिए फैक्ट्री की छत पर कचरा जलाया जा रहा था। लेकिन, आग की लपटों से उनकी काली करतूत उजागर हो गई। फैक्ट्री के कर्मचारियों ने चूल्हा जलाने के नाम पर टीम की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश की, लेकिन टीम ने छत पर जाकर उनके इस झूठ को भी पकड़ लिया।
डीपीसीसी ने इस फैक्ट्री पर न सिर्फ 7 लाख 37 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया, बल्कि फैक्ट्री बंद करने का नोटिस भी थमा दिया। प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई का यह अपनी तरह का नया मामला है। बवाना औद्योगिक क्षेत्र के सेक्टर दो में 28 सितंबर की रात डीपीसीसी की रात्रि गश्त टीम मुआयना कर रही थी। उसी समय एमएल 174 के पते पर स्थित पीबी पॉलीमर फैक्ट्री की छत पर आग की लपटें और काला धुआं उठता दिखाई दिया। टीम जब वहां पहुंची तो ऊपर चूल्हा चलने की जानकारी दी गई, लेकिन टीम के सदस्यों ने जब ऊपर जाकर जांच की तो पूरा मामला साफ हो गया। वहां प्लास्टिक की जालियां जलाई जा रही थीं।
यही नहीं फैक्ट्री में इफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) भी बंद पड़ा हुआ है। विडंबना यह भी है कि फैक्ट्री मालिक ने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के तहत पंजीकरण के लिए जहां 19 जुलाई 2019 को ही आवेदन किया था, वहीं फैक्ट्री संचालित करने की अनुमति के लिए 24 सितंबर 2019 को आवेदन किया था।
डीपीसीसी अधिकारियों के मुताबिक एयर (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन) एक्ट 1981 की धारा 31 (ए), वाटर (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन) एक्ट 1974 की धारा 33 (ए), पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 5 और प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के तहत कार्रवाई करते हुए तीन अक्टूबर को 7 लाख 37 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। तत्काल प्रभाव से फैक्ट्री बंद करने का नोटिस दे दिया गया है।
इसके अलावा निजी बिजली वितरण कंपनी टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) को फैक्ट्री का बिजली कनेक्शन, दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं ढांचागत विकास निगम (डीएसआइआइडीसी) को पानी का कनेक्शन काटने तथा उत्तरी दिल्ली नगर निगम को इसका लाइसेंस रद करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। बवाना में तीन दर्जन फैक्ट्रियों पर हो सकती है कार्रवाई वायु एवं जल प्रदूषण फैलाने संबंधी गतिविधियों में लिप्त करीब तीन दर्जन औद्योगिक इकाइयां डीपीसीसी के रडार पर हैं। अधिकारियों से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही इन इकाइयों को बंद करने का नोटिस जारी किए जाने की बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
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