गाजियाबाद में पुलिस ने इस बाहुबली नेता को नहीं कराने दिया इलाज, कभी था उत्तर प्रदेश में बड़ा रसूख
एक जमाने में सभी राजनीतिक पार्टियों में रसूख रखने वाले बाहुबली डीपी यादव को गाजियाबाद में इलाज भी नहीं मिल पाया।
गाजियाबाद [आयुष गंगवार]। एक जमाने में सभी राजनीतिक पार्टियों में रसूख रखने वाले बाहुबली डीपी यादव को गाजियाबाद में इलाज भी नहीं मिल पाया। तबीयत खराब होने पर कोर्ट से आदेश लेकर इलाज के लिए गाजियाबाद के नेहरूनगर स्थित अस्पताल में भर्ती हुए डीपी यादव को जिला पुलिस ने भनक लगते ही वापस भिजवा दिया। चुनाव का हवाला देकर आनन-फानन में सीबीआइ को पत्र लिखा गया। महज 24 घंटे में ही पुलिस ने देहरादून जेल प्रशासन की अभिरक्षा में उसे जिले की सीमा से बाहर भिजवा दिया।
प्रभावित कर सकता था चुनाव
डीपी यादव के शहर में होने की सूचना पर ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। गाजियाबाद के राजनगर में रहने वाले डीपी यादव की कभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तूती बोलती थी। इस कारण पुलिस को आशंका थी कि गाजियाबाद में रहकर इलाज के बहाने वह आपराधिक गतिविधियां संचालित कर सकता है। इन्हीं आशंकाओं के चलते पुलिस सक्रिय हुई और मौके पर पहुंचकर तस्दीक की गई। इसके बाद एसएसपी ने सीबीआइ डायरेक्टर को पत्र लिखा। पत्र में आशंका जाहिर की गई कि आगामी चुनाव को वह प्रभावित कर शांति-व्यवस्था में खलल डाल सकता है। इस पर संज्ञान लेकर उसे तुरंत जेल भिजवाने के आदेश दिए गए।
एम्स से लिया रेफरल
14 मार्च को डीपी यादव को लेकर देहरादून जेल प्रशासन दिल्ली एम्स पहुंचा। मगर यहां डीपी यादव ने कहा कि उसकी अक्टूबर-2018 में गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में सर्जरी हुई थी। पहले भी वहीं इलाज की दुहाई देकर उन्होंने एम्स से खुद को रेफर करा लिया और 14 मार्च की दोपहर दो बजे नेहरूनगर स्थित अस्पताल पहुंच गए। वह सर्जरी के बाद हो रही दिक्कतों के चलते यहां आये थे। पुलिस ने 15 मार्च की दोपहर उसे अस्पताल से छुट्टी दिलवाकर जेल वापस भिजवाया।
उत्तर प्रदेश में डीपी यादव का था बड़ा रसूख
गाजियाबाद के राजनगर में रहने वाले धर्मपाल यादव उर्फ डीपी यादव चार बार विधायक, दो बार सांसद और यूपी में कई बार मंत्री रह चुके हैं। 1970 के दशक में अवैध शराब का कारोबार शुरू कर उसने चीनी मिल, पेपर मिल, होटल, टीवी चैनल, पॉवर प्रोजेक्ट, खदान और कंस्ट्रक्शन कंपनी खड़ी की। 1976 में कविनगर से अवैध शराब के साथ पकड़े गए डीपी यादव को 500 रुपये का जुर्माना न भर पाने के कारण 15 दिन की सजा काटनी पड़ी थी।
हत्या, जानलेवा हमले, डकैती और अपहरण के 60 अधिक मुकदमों में आरोपित डीपी यादव 26 साल पहले हुई गाजियाबाद के विधायक महेंद्र भाटी की हत्या के मामले में देहरादून जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। नितीश कटारा हत्याकांड में उसके बेटे विकास यादव को भी उम्रकैद की सजा मिली थी।
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