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5 साल तक किया जा सकता है त्वचा का इस्तेमाल, अब त्वचा दान बढ़ाने पर जोर देगा AIIMS

एम्स के डॉ. मनीष सिंघल ने कहा कि मौत के छह घंटे के अंदर त्वचा दान कर सकते हैं। 40 फीसद से अधिक झुलस चुके लोगों के इलाज में अस्थायी त्वचा लगाने करने की जरूरत पड़ती है ताकि जख्म जल्दी भर सके। हर तीन सप्ताह पर त्वचा बदलनी पड़ती है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 12:10 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 12:10 PM (IST)
5 साल तक किया जा सकता है त्वचा का इस्तेमाल, अब त्वचा दान बढ़ाने पर जोर देगा AIIMS
सफदरजंग अस्पताल में त्वचा बैंक है, लेकिन अभी तक गिने-चुने ही त्वचा दान हुआ है।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के बर्न व प्लास्टिक सर्जरी सेंटर में चरणबद्ध तरीके से सुविधाएं बढ़ाई जाएगी। अभी ओपीडी शुरू होगी। इसके करीब एक सप्ताह में मरीजों भर्ती करने की सुविधा शुरू हो जाएगी। इसके बाद 24 घंटे की इमरजेंसी सुविधा शुरू की जाएगी। बर्न व प्लास्टिक सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष सिंघल ने कहा कि सेंटर त्वचा दान व हाथ प्रत्यारोपण जैसी सुविधाओं पर अधिक जोर देगा।सेंटर में जल्द त्वचा बैंक शुरू होगा। जिसमें माइनस चार डिग्री तापमान पर त्वचा को सुरक्षित रखा जा सकेगा। जिसका इस्तेमाल पांच साल तक किया जा सकता है। सफदरजंग अस्पताल में त्वचा बैंक है, लेकिन अभी तक गिने-चुने ही त्वचा दान हुआ है।

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डॉ. मनीष सिंघल ने कहा कि मौत के छह घंटे के अंदर त्वचा दान की जा सकती है। 40 फीसद से अधिक झुलस चुके लोगों के इलाज में अस्थायी त्वचा लगाने करने की जरूरत पड़ती है, ताकि जख्म जल्दी भर सके। हर तीन सप्ताह पर त्वचा बदलनी पड़ती है, इसलिए त्वचा दान बढ़ाना जरूरी है।

आइआइटी दिल्ली के साथ मिलकर कृत्रिम त्वचा विकसित किया जा रहा है। जल्द ही उसका इंसानों पर ट्रायल शुरू होगा।इमरजेंसी में छह बेडइमरजेंसी वार्ड में छह बेड की व्यवस्था है। आपात स्थिति में इसमें 20 बेड बढ़ाए जा सकते हैं। इमरजेंसी में हर साल करीब 15 हजार मरीजों का इलाज किया जा सकेगा। बर्न सेंटर में हर साल करीब 55 हजार मरीजों का इलाज हो सकेगा।

हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी की सुविधा

आग में झुलसने के दौरान शरीर में सांस के जरिये कार्बन मोना डाइऑक्साइड जाने की स्थिति में इस थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है।

इस सेंटर के निर्माण से जुड़े तथ्य

  • निर्माण शुरू फरवरी 2017
  • भवन निर्माण पूरा- फरवरी 2019
  • निर्माण में लागत- 252.46 करोड़
  • सेंटर का भवन- आठ मंजिला
  • एरिया- 24,040 वर्ग मीटर
  • भूमिगत (बेसमेंट) मंजिल- तीन
  • बेड क्षमता- 100
  • जनरल वार्ड में बेड- 60
  • आइसीयू बेड- 30
  • आइसोलेशन प्राइवेट वार्ड- 10
  • ऑपरेशन थियेटर (ओटी)- छह मंजिल

हर मंजिल के अनुसार मौजूदा सुविधाएं

  • बेसमेंट एक
  • किचन, मेडिकल रिकार्ड विभाग
  • अस्पताल स्टोर।
  • बेसमेंट दो- पार्किंग।
  • बेसमेंट तीन- पार्किंग।
  • भूतल- बर्न इमरजेंसी
  • पुलिस पोस्ट, बर्न ओपीडी व माइनर ओटी।

पहली मंजिल

  • प्लास्टिक सर्जरी ओपीडी, फिजियोथेरेपी, कैफेटेरिया, लेजर ओटी, माइनर ओटी।दूसरी मंजिल- सभागार हॉल, बोर्ड रूम, अकाउंट, स्टोर, फैकल्टी का दफ्तर।
  • तीसरी मंजिल- जनरल वार्ड, हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी (एचबीओटी), स्लाइन बाथ, पांच प्राइवेट कमरे।चौथी मंजिल- जनरल वार्ड, पीडियाट्रिक फिजियोथेरेपी, त्वचा बैंक, पांच प्राइवेट कमरे।
  • पांचवी मंजिल- आइसीयू, डायलिसिस की सुविधा।
  • छठा मंजिल- आइसीयू, डायलिसिस की सुविधा।सातवां मंजिल- तीन ओटी
  • आठवीं मंजिल- तीन ओटी बर्न सेंटर में कुल कर्मचारी- 328
  • डाक्टर- 53 (फैक्लटी-5)
  • नर्सिंग कर्मचारी- 196 अनुबंध पर नियुक्ति के लिए स्वीकृत पद 

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