रेजिडेंट डाक्टरों की बेमियादी हड़ताल से चरमराई राजधानी की स्वास्थ्य सेवाएं
लोकनायक अस्पताल में बहुत कम संख्या में गंभीर मरीजों को देखा गया। सफदरजंग अस्पताल पैर टूटने पर अपने भाई को लेकर पहुंचे अतुल ने बताया कि वो सुबह नौ बजे तुगलकाबाद से अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंच गए थे।
नई दिल्ली [राहुल चौहान]। राजधानी के सभी बड़े अस्पतालों में तीसरे दिन भी रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल जारी रही। इससे दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गईं। गंभीर मरीजों को भी इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं। इस दौरान सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया (आरएमएल), लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज व इससे संबद्ध सुचेता कृपलानी अस्पताल, कलावती सरन बाल चिकित्सालय, मौलाना आजाद मेडिकल कालेज से संबद्ध लोकनायक अस्पताल में रेजिडेंट डाक्टरों ने इमरजेंसी में काम नहीं किया। इनमें सबसे ज्यादा असर आरएमएल और सफदरजंग अस्पताल में रहा।
लोकनायक अस्पताल में बहुत कम संख्या में गंभीर मरीजों को देखा गया। सफदरजंग अस्पताल पैर टूटने पर अपने भाई को लेकर पहुंचे अतुल ने बताया कि वो सुबह नौ बजे तुगलकाबाद से अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंच गए थे। यहां पहुंचने पर हड़ताल का पता चला। इस दौरान उन्होंने अपने भाई के पैर पर प्लास्टर चढ़ाने के लिए हाथ भी जोड़े लेकिन किसी भी डाक्टर ने नहीं देखा और निजी अस्पताल में लेकर जाने के लिए कहा।
कलावती अस्पताल में अपने दो साल के बच्चे को लेकर पहुंचे हरजीत ने बताया कि उनके बच्चे का दो महीने से अस्पताल से इलाज चल रहा है, नियमित रूप से बुधवार की ओपीडी में डाक्टर को दिखाते हैं। लेकिन, हड़ताल के कारण किसी भी डाक्टर ने बच्चे को नहीं देखा। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के हापुड़, बुलंदशहर, गाजियाबाद, बागपत सहित अन्य कई जिलों से मरीजों को इलाज के लिए लेकर पहुंचे लोग घंटों अस्पतालों में भटकते रहे। डाक्टरों से काफी अपनी सफदरजंग और आरएमएल के रेजिडेंट डाक्टरों का कहना है कि जब तक सरकार नीट-पीजी की काउंसलिंग शुरू नहीं करेगी तब तक वह काम पर वापस नहीं लौटेंगे।
हड़ताल के दौरान लेडी हार्डिंग के डाक्टरों ने कनाट प्लेस की सड़कों पर उतरकर पैदल मार्च निकाले हुए मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान बड़ी संख्या में रेजिडेंट डाक्टर हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर सड़कों पर उतरे थे। इधर मौलाना आजाद मेडिकल कालेज रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष आकाश यादव ने कहा कि दूसरे अस्पतालों के रेजिडेंट डाक्टरों का भी हमें समर्थन मिल रहा है। मांग पूरी न होने तक हड़ताल जारी रखेंगे।
वहीं, काउंसलिंग न होने से रेजिडेंट डाक्टरों पर बढ़ते काम के बोझ को लेकर एम्स के रेजिडेंट डाक्टरों ने भी काली पट्टी बांधकर काम किया। जबकि विश्वविद्यालय चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय (यूसीएमएस) से संबद्ध जीटीबी अस्पताल के रेजिडेंट डाक्टर भी हड़ताल में शामिल हुए और शाहदरा जिलाधिकारी कार्यालय तक पैदलमार्च निकालते हुए नारेबाजी की। साथ ही जिलाधिकारी से मिलकर उन्हें अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपा।